MP News: एमपी रूरल रोड डेवलपमेंट अथॉरिटी (एमपीआरआरडीए) अब शहरों की सड़कें भी बनाएगा. इसके अलावा निजी एजेंसियों की तरह विभिन्न सरकारी विभागों से निर्माण का काम लेगा. प्राधिकरण सभी विभागों से निर्माण सहित अन्य कार्य लेने के संबंध में भी संपर्क करेगा. दरअसल ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग सड़कों का निर्माण पूरा हो चुका है. ऐसे में विभाग अपनी उपयोगिता बनाए रखने के प्रयास कर रहा है. काम दौरान विभाग पेंचवर्क पर नजर रखेगा.
इसकी मुख्य वजह यह है कि मप्र ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण प्रदेश में करीब 90 हजार किमी सड़कों का जाल बिछा चुका है. अब प्राधिकरण के पास सिर्फ इन सड़कों का रख रखाव का जिम्मा है. सड़कों के रख रखाव में इतना ज्यादा काम होता नहीं है, जहां पूरे अमले का उपयोग किया जा सके. इसके अलावा कुछ प्रदेश के कुछ जिलों में जनमन योजना के तहत सड़कों का निर्माण किया जाना है. ऐसे में प्राधिकरण को ऐसा लगने लगा है कि उसकी उपयोगिता धीरे-धीरे कम हो रही है. इसके पास कोई बड़ा काम अभी नहीं आ रहा है, ऐसे में अन्य विभागों से काम लेने की तैयारी की जा रही है.
संभाग स्तर के अधिकारी भी काम लेकर आएंगे
प्राधिकरण का फोकस सड़क निर्माण पर ज्यादा रहेगा. इसमें चाहे कृषि मंडियों की सड़कें हो या फिर नगरीय निकाय की सड़कें. इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों की मुख्य सड़कों को भी बनाने का काम लेगा. संभाग स्तर पर पदस्थ अधिकारी भी अपने अपने स्तर पर काम तलाशने का काम करेंगे. बताया जाता है कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल ने कुछ दिन पहले एक बैठक में प्राधिकरण के अधिकारियों को विभिन्न विभागों के काम लेने के लिए नसीहत दी थी.
6 हजार किमी का पेंचवर्क भी बाकी
बारिश के दौरान खराब हुई 6 हजार किमी सड़कों का पेंचवर्क किया जाएगा. सबसे ज्यादा सड़कें शहर के आस पास की और माइनिंग वाले जिलों में खराब हुई हैं. सभी 6 हजार किमी की सड़कों की मरम्मत की जाएगी. हालांकि यह सभी सड़कें ठेकेदारों के गारंटी पीरियड में हैं. मानीटरिंग की जिम्मेदारी मैदानी अधिकारियों को दी गई है. विभागों से कर रहे बात विभिन्न विभागों से काम के लिए प्राधिकरण अपने स्तर पर प्रयास कर रहा है. अन्य विभागों के सड़क निर्माण विभागों से बातचीत की जा रही है.