MP Nursing Scam: नर्सिंग कॉलेज जांच मामले में रिश्वतखोरी का मुद्दा कांग्रेस विधानसभा सत्र के दौरान मामला उठाएगी. कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष सरकार से कॉलेज की जांच को लेकर सवाल पूछेंगे. नर्सिंग कॉलेज मामले में गड़बड़ी को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने कहा कि बच्चों की भविष्य को लेकर अंधकार में डालने की कोशिश मध्य प्रदेश में हुई है.
सीबीआई को जांच के लिए जिम्मेदारी दी गई, उसने कॉलेज से रिश्वतखोरी कर सूटेबल बता दिया. फिर बाद में फिट घोषित करने के लिए कॉलेज संचालकों से 10 लाख रुपए तक रिश्वत के तौर पर लिए गए.कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष मुकेश नायक ने कहा कि व्यापम, नर्सिंग घोटाले में भी सरकार की भूमिका संदेह के दायरे में है. सरकार ने शिक्षा की गुणवत्ता और छात्रों की भविष्य को पूरी तरीके से तबाह और बर्बाद कर दिया इस जांच में सूटेबल का प्रयोग किया गया, 169 को सूटेबल के दायरे में रखा गया, क्या यह सरकार या फिर मंत्री के लिए सूटेबल किया गया है. 66 कॉलेज को पत्र भी घोषित किया गया, किसी कॉलेज में कमियां होती हैं तो वह अपात्र होता है..जब सरकार के पास गए तो न्याय नहीं मिला, उसके बाद कोर्ट गए।
हाई कोर्ट ने की सख्त टिप्पणी
हाई कोर्ट ग्वालियर में सीबीआई की जांच के लिए निर्देश दिए. सीबीआई ने जांच की तो 169 कमियां मिली और 66 कॉलेज अपात्र बताया. अधिकांश अपात्र घोषित किया गया वह सरकारी कॉलेज थे. नर्सिंग कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों को लेकर भी कांग्रेस ने मुद्दा उठाया. कॉलेज ही सही से पढ़ाई नहीं करेंगे तो कैसे लगा पाएंगे छात्र इंजेक्शन और बीपी नाप पाएंगे. हाई कोर्ट ने किया था कहा कि परीक्षक नियंत्रण को चपरासी भी बनने के लायक नहीं है. नर्सिंग कॉलेज तो बूचड़खाना है. हाई कोर्ट की तल्ख टिप्पणी के बाद भी मेडिकल यूनिवर्सिटी में कुलपति, रजिस्टर और परीक्षक नियंत्रक पदस्थ है.
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छात्रों ने एडमिशन लिया और कॉलेजों को 3 साल बाद मान्यता दी गई
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मुकेश नायक ने कहा कि एडमिशन के 3 साल बाद रजिस्ट्रेशन हुआ और उन्होंने परीक्षा दी यानी कि 4 साल की पढ़ाई की परीक्षा 1 साल में ही छात्रों ने दी है. नर्सिंग घोटाले के मामले में अब भगवान हनुमान की भी एंट्री हो गई है. एक ही फैकेल्टी कॉलेज में प्रोफेसर, प्राचार्य बन जाता है, भगवान हनुमान के पास ही थी. जो आठ सिद्धि हनुमान जी की नर्सिंग कॉलेज के पास आ गई है. इस पूरे मुद्दे को लेकर विधानसभा में उठाया जाएगा सवाल
सीबीआई पर अब कोई भरोसा नहीं!
इस जांच ने सीबीआई को भरोसे के लायक ने नहीं छोड़ा. ऐसी एजेंसी बन गई है कि कोई इस पर भरोसा नहीं कर सकता है रिटायर्ड जस्टिस की कमेटी को जांच सौंपनी चाहिए, इस पूरे केस में सीबीआई रिश्वतखोरी के मामले में पार्टनर बन गई.सीबीआई ने नर्सिंग कॉलेज को अपने दलालों की हैंड ओवर कराया. नर्सिंग में पढ़ने वाले छात्र 80 साल के हो जाएंगे तब तक जांच चलती ही रहेगी.