MP News: मध्य प्रदेश शासन जल्द ही पटवारी परीक्षा में चयनित अभ्यथियों की नियुक्ति करने जा रही है. राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव निकुंज श्रीवास्तव ने नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी लाने का आदेश कलेक्टरों को दिया है. विवादों से घिरी पटवारी भर्ती परीक्षा में क्लीन चिट मिलने के बाद शासन ने विभागों को निर्देश जारी कर दिए हैं.
25 फरवरी तक काउंसलिंग और दस्तवेजों का सत्यापन
राजस्व विभाग ने सभी कलेक्टरों को चयनित अभ्यर्थियों की काउंसलिंग को लेकर आदेश में साफ लिखा है कि 25 फरवरी तक चयनित अभ्याथियों की काउंसलिंग और दस्तावेजों के सत्यापन का कार्य पूरा होना है. इसे लेकर समस्त जिलों के कलेक्टर्स वा नोडल अधिकारियों की वीडियो कांफ्रेंसिंग से बैठक बुलाई है.
आंदोलन की तैयारी में असफल उम्मीदवार
एक ओर जहां चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. वहीं दूसरी ओर असफल अभ्यर्थी एक बार फिर सड़कों पर उतरने को तैयार है. सोमवार को इसकी शुरूआत सभी जिलों में जाकर कलेक्टर को सात सूत्रीय मांगों की ज्ञापन देने से हो रही है।
क्या चाहते हैं उम्मीदवार
•पटवारी परीक्षा में नियुक्ति देने का निर्णय को तुरंत रोका जाए.
•वर्मा कमेटी की जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक की जाए.
• परीक्षा घोटाले की जांच नए सिरे से प्रदेश के मुख्य न्यायाधीश की निगरानी में SIT का गठन कर की जाए.
• MPSI (मध्य प्रदेश पुलिस सब इंस्पेक्टर) के पदों पर नियुक्ति की जाए, साथ ही परीक्षा कैलेंडर जारी की जाए.
• केंद्र सरकार के बनाए गए नकल विरोधी कानून को मध्यप्रदेश में तत्काल रूप से लागू किया जाए.
• राज्य सेवा परीक्षा 2024 में पदों की संख्या को बढ़ाकर 500 की जाए.
• ओबीसी आरक्षण केस, 87-13 फॉर्मूला बंद करें, 100 फीसदी पर परिणाम जारी किए जाए.
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एनईवाईयू का क्या कहना
नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन (NEYU) की सार्वजनिक बैठक में ये फैसला लिया गया. कोर कमेटी के राधे जाट ने कहा कि इस बार आंदोलन बड़ा और लंबा होगा. पटवारी पदों को बेचा गया है, और जांच में लीपापोती की गई है. हम इस रिपोर्ट को झूठा मानते हैं. आंदोलनकारियों ने ये भी कहा कि इस जांच रिपोर्ट से उनका मकसद मेहनत करने वालों को नियुक्ति दिलाना, पद खरीदकर फर्जी तरीके से आने वालों की छंटनी होना है.