MP News: उज्जैन नगर निगम ने शनिवार को दुकान मालिकों को अपनी दुकानों के बाहर अपना नाम और मोबाइल नंबर की प्लेट लगाने का निर्देश दिया है. यह निर्देश उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार की ओर से कांवड़ यात्रा रूट पर दुकानदारों और ठेले वालों को अपनी दुकानों और ठेलों पर नेमप्लेट लगाने के आदेश के बाद आया है.
उज्जैन के मेयर मुकेश ततवाल ने कहा कि उल्लंघन करने वालों को पहली बार इस आदेश का उल्लंघन करने पर 2,000 रुपये और दूसरी बार 5,000 रुपये का जुर्माना देना होगा. मेयर ने कहा, ‘इस आदेश का उद्देश्य सुरक्षा और पारदर्शिता सुनिश्चित करना है. इसका उद्देश्य मुस्लिम दुकानदारों को निशाना बनाना नहीं है.’
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सीएम का गृहनगर है उज्जैन
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव का गृहनगर उज्जैन ही है. वहीं यह शहर अपने पवित्र महाकाल मंदिर के लिए भी जाना जाता है. दुनियाभर से शिवभक्त यहां महाकाल के दर्शन के लिए आते हैं. सोमवार से शुरू होने वाले सावन महीने के दौरान यहां श्रद्धालुओं की अच्छी खासी भीड़ देखी जाती है.
मेयर मुकेश ततवाल ने कहा कि उज्जैन की मेयर-इन-काउंसिल ने 26 सितंबर, 2002 को दुकानदारों को अपना नाम प्रदर्शित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी. बाद में इसे आपत्तियों और औपचारिकताओं के लिए राज्य सरकार को भेज दिया गया था.
“ये ग्राहकों का अधिकार है”
मेयर ने जोर देते हुए कहा कि यह कदम एमपी दुकान स्थापना अधिनियम या गुमास्ता लाइसेंस में निहित है और यह ग्राहक सुरक्षा को बढ़ाने का काम करता है. मेयर ने कहा, ‘उज्जैन एक धार्मिक और पवित्र शहर है. लोग यहां धार्मिक आस्था के साथ आते हैं. उन्हें उस दुकानदार के बारे में जानने का अधिकार है जिसकी वे सामान खरीद रहे हैं. अगर कोई ग्राहक असंतुष्ट है या उसे धोखा दिया गया है तो दुकानदार के बारे में जानकारी होने से उसकी समस्या हल हो सकती है.’
यह आदेश इसलिए भी अहम है क्योंकि उज्जैन 2028 में सिंहस्थ (कुंभ) मेले की मेजबानी करने के लिए तैयार है. यह हर 12 साल में आयोजित होने वाला एक महत्वपूर्ण धार्मिक मेला है.