Madhya Pradesh News: केरल में मॉनसून ने दस्तक दे दी है. जल्द ही यह अन्य राज्यों में भी दस्तक देने वाला है. मौसम विभाग के अनुसार, मध्य प्रदेश में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून समय से दो दिन पहले ही यानी 15 जून तक पहुंचने की संभावना है. दक्षिण-पश्चिम मॉनसून ने 29 मई को केरल और पूर्वोत्तर क्षेत्र में दस्तक दी थी. वहीं केरल और उत्तर-पूर्व में मॉनसून की एक साथ शुरुआत काफी दिलचस्प है. ऐसा पहले भी चार बार हो चुका है. जब साल 2017, 1997, 1995 और 1991 में मॉनसून केरल और उत्तर-पूर्व राज्यों में एक साथ पहुंचा था.
भारत मौसम विज्ञान विभाग भोपाल केंद्र के मौसम विज्ञानी प्रमेंद्र कुमार ने जानकारी देते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में 15 जून के आसपास या अपने सामान्य समय से एक या दो दिन पहले मानसून की पहुंचने की संभावना है. उन्होंने आगे बताया कि इस सीजन के दौरान राज्य में सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की जा सकती है. वहीं राज्य की औसत बारिश 949 मिमी है. पिछले साल मध्य प्रदेश में मॉनसून 25 जून को आया था, लेकिन कुछ ही समय में मॉनसून ने पूरे राज्य को कवर कर लिया था.
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“17 जून तक दस्तक दे सकता है मानसून”
आईएमडी के भोपाल केंद्र के एक अन्य मौसम वैज्ञानिक प्रकाश धवले ने बताया कि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून ने केरल में समय से पहले दस्तक दे दी है. अगर मॉनसून की गति सामान्य रही तो यह 17 जून से एक या दो दिन पहले दक्षिण मध्य प्रदेश में पहुंच सकता है. बता दें कि साल 2022 में मॉनसून अपने सामान्य समय से एक दिन पहले 16 जून को एमपी में आया था और 21 जून तक इसने राज्य के 80 प्रतिशत हिस्से को कवर कर लिया था.
विभिन्न राज्यों में कब होगीमॉनसून की एंट्री?
केरल में मॉनसून के आगमन के साथ ही आमतौर पर यह 15 जुलाई तक पूरे देश को कवर कर लेता है. आइए मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक जानते हैं कि किस राज्य में कब आएगा मॉनसून. मौसम विभाग की मानें तो देश में अल नीनो प्रणाली कमजोर हो रही है और ला नीना स्थितियां सक्रिय हो रही हैं, जो इस साल अच्छे मॉनसून के लिए अनुकूल है.
इसी के चलते भारत में मॉनसून ने समय से पहले दस्तक दे दी है. वहीं, ला नीना के साथ-साथ हिंद महासागर द्विध्रुव (आईओडी) स्थितियां भी इस साल अच्छे मॉनसून के लिए अनुकूल हो रही हैं, जो मॉनसून के लिए सकारात्मक संकेत हैं.