Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के चर्चित नर्सिंग घोटाले को लेकर आज सोमवार को विधानसभा में विपक्षी दल कांग्रेस के सदस्यों ने हंगामा किया. जिसके चलते सदन की कार्यवाही लगभग एक घंटे के लिए स्थगित रही. आखिरकार अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने सरकार और विपक्ष की बातें सुनने के बाद कहा कि वे इस मुद्दे पर मंगलवार को उचित नियम के तहत चर्चा करवाएंगे. अध्यक्ष के आश्वासन के बाद सदस्य शांत हो गए और सदन की कार्यवाही आगे बढ़ गई.
इसके बाद कार्यसूची में शामिल विषयों को पूर्ण किया गया और दिन में लगभग डेढ़ बजे कार्यवाही कल सुबह 11 बजे तक स्थगित कर दी गई. मामले में हस्तक्षेप करते हुए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि सरकार सदन में चर्चा से भाग नहीं रही है. इस मामले में स्थगन की बजाय ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर भी चर्चा हो सकती है इसके पहले सत्तारूढ़ दल भाजपा और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के सदस्यों के बीच काफी नोंकझोंक होती रही.
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मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भी अपनी बातें रखी
मध्य प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष ने सभी की बातों को सुनने के बाद कहा, “देखिए, दरअसल कोई ग्राह्यता पर चर्चा नहीं हो रही है, जो सब लोग बोलें. मेरा अनुरोध है कि नेता प्रतिपक्ष की बात भी सामने आ गई. माननीय संसदीय कार्य मंत्री जी ने भी अपनी बात रखी और माननीय मुख्यमंत्री जी ने भी रखी है. हम सब इस बात को भली-भांति जानते हैं कि यह सदन चर्चा के लिए है और चर्चा से न सत्ता पक्ष को भागने की जरूरत है न विपक्ष को भागने की जरूरत है. सब विषय के प्रति चिंतित हैं तो निश्चित रूप से दोनों पक्षों को मैंने सुना है, लेकिन सदन नियम, प्रक्रियाओं और परंपराओं से चलता है. मैं कल उचित नियम के तहत इस पर चर्चा कराऊंगा.”
अध्यक्ष के आश्वासन के बाद शांत हुआ मामला
अध्यक्ष के आश्वासन के बाद मामला शांत हो गया और फिर अध्यक्ष ने कार्यवाही को आगे बढ़ाते हुए कार्यसूची में शामिल विषयों को पूर्ण किया. इसके बाद कार्यवाही कल सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. इसके पहले सदन में प्रश्नकाल के बाद नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने नर्सिंग घोटाले को उठाया और स्थगन प्रस्ताव के तहत चर्चा कराने की मांग की. संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने औचित्य का प्रश्न उठाते हुए इस पर आपत्ति दर्ज कराई और कहा कि यह मामला न्यायिक प्रक्रिया में है और इस पर चर्चा नहीं हो सकती है.
कांग्रेस विधायकों ने किया विरोध
इसका सिंघार समेत अनेक कांग्रेस विधायक ने विरोध किया और कहा कि क्या इसके कारण हम चर्चा से भाग नहीं सकते हैं. इस मामले को लेकर भाजपा और कांग्रेस के सदस्य एकसाथ बोलते रहे और सदन हंगामे में डूब गया. कांग्रेस के सदस्यों ने एक मंत्री का नाम लेकर भी टिप्पणियां कीं, जिस पर सत्तारूढ़ दल के सदस्यों ने आपत्ति की और कहा कि व्यक्तिगत आरोप नहीं लगाए जा सकते हैं. विजयवर्गीय की आपत्ति के बाद अध्यक्ष तोमर ने संबंधित टिप्पणियों को कार्यवाही से विलोपित कर दिया.