Malegaon Blast Case: साल 2008, तारीख 29 सितंबर… महाराष्ट्र के मालेगांव में बम ब्लास्ट हो गया. इस विस्फोट ने 6 लोगों की जिंदगी छीन ली. वहीं, 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए. इस ब्लास्ट केस में 17 साल बाद NIA की स्पेशल कोर्ट ने फैसला सुना दिया है. मालेगांव ब्लास्ट केस में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर 7 आरोपी थे, जिन पर 31 जुलाई 2025 को फैसला आ गया है. कोर्ट ने प्रज्ञा ठाकुर समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया है. जानिए कौन हैं साध्वी प्रज्ञा ठाकुर और उनका मध्य प्रदेश से क्या कनेक्शन है.
कौन हैं साध्वी प्रज्ञा ठाकुर?
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का जन्म मध्य प्रदेश के भिंड जिले में हुआ है. उनका नाम प्रज्ञा सिंह ठाकुर है. कॉलेज के दिनों में प्रज्ञा ठाकुर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ीं. इसके बाद RSS और अलग-अलग हिंदू संगठन जैसे विश्व हिंदू परिषद की महिला विंग समेत कई संगठनों में जुड़कर एक्टिव सदस्य रहीं. जानकारी के मुताबिक उनके पिता भी RSS के एक्टिव कार्यकर्ता थे, जिस वजह से बचपन से ही उनका RSS की ओर झुकाव रहा.
साध्वी कैसे बनीं प्रज्ञा ठाकुर?
प्रज्ञा ठाकुर अलग-अलग हिंदू संगठनों में सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में जुड़ी रहीं. उन्होंने स्वामी अवधेशानंद से प्रभावित होकर संन्यास लिया और इस तरह वह साध्वी बन गईं. इसके अलावा उन्होंने साल 2002 में ‘जय वंदे मातरम जन कल्याण समिति’ का गठन भी किया.
मालेगांव ब्लास्ट केस ने बदली जिंदगी
साल 2008 में महाराष्ट्र के मालेगांव बम ब्लास्ट केस ने प्रज्ञा ठाकुर को एक अलग पहचान दिलाई. इस केस में नाम सामने आने के बाद देश भर में लोग उन्हें जानने लगे. मालेगांव में रात 9.30 बजे शकील गुड्स ट्रांसपोर्ट कंपनी के सामने वाले चौक में एक बाइक में विस्फोट हुआ था, जिसमें 6 लोगों की मौत हुई थी. साथ ही 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. इस मामले में साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, कर्नल प्रसाद पुरोहित, समीर कुलकर्णी, मेजर रमेश उपाध्याय, सुधाकर चतुर्वेदी, समीर कुलकर्णी और अजय राहिरकर पर घटना को अंजाम देने का आरोप लगा था.
राजनीति में हुई एंट्री
स्वामी अवधेशानंद की राजनीति में सक्रियता को देखते हुए प्रज्ञा ठाकुर ने भी राजनीति में आने की सोची. साल 2017 में साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने राजनीति में एंट्री ली. उन्होंने BJP ज्वाइन की.
भोपाल से है खास कनेक्शन
2017 में BJP ज्वाइन करने के बाद साल 2019 में पार्टी ने उन्हें लोकसभा चुनाव के लिए टिकट दिया. प्रज्ञा ठाकुर का भोपाल से खास कनेक्शन है क्योंकि वह भोपाल की पूर्व सांसद हैं. BJP ने साल 2019 लोकसभा चुनाव में दिग्विजय सिंह के खिलाफ प्रज्ञा ठाकुर के मैदान में उतारा. हिंदूत्तव का चेहरा बन चुकीं साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने उस चुनाव में जीत हासिल की.
RSS नेता की हत्या के आरोप
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर पर RSS नेता सुनील जोशी की हत्या के भी आरोप हैं. साल 2017 में मध्य प्रदेश की देवास कोर्ट ने प्रज्ञा ठाकुर को इस केस में बरी कर दिया था.
जेल भी जा चुकी हैं प्रज्ञा ठाकुर
मालेगांव ब्लास्ट केस में प्रज्ञा ठाकुर जेल भी जा चुकी हैं. जांच के दौरान ATS को ब्लास्ट में उपयोग की गई जो मोटर साईकिल मिली थी वह प्रज्ञा ठाकुर के नाम पर ही रजिस्टर्ड थी. इस केस में प्रज्ञा ठाकुर करीब 9 सालों तक जेल में रहीं. बाहर आने के बाद उन्होंने जेल में कई यातनाओं के झेलने की बात कही.
7 आरोपी बरी
मुंबई की एक विशेष राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) कोर्ट ने 2008 के मालेगांव बम विस्फोट (Malegaon Blast Case) मामले में सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया है. यह फैसला 17 साल के लंबे मुकदमे के बाद आया है. बरी होने वालों में पूर्व बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित (सेवानिवृत्त), मेजर रमेश उपाध्याय (सेवानिवृत्त), समीर कुलकर्णी, अजय राहिरकर, सुधाकर धर द्विवेदी और सुधाकर चतुर्वेदी शामिल हैं.
