Vistaar NEWS

Maha Kumbh 2025: महाकुंभ में दिखे IITian बाबा, छोड़ी लाखों की नौकरी, बने साधु

IITian Baba in Maha Kumbh

IITian बाबा ने लाखों की नौकरी छोड़ कर सनातन धर्म में रमणे का फैसला लिया है

Maha Kumbh 2025: सोमवार, 13 जनवरी से महाकुंभ की शुरुआत हो गई है. उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में देश और दुनिया से करोड़ों देशी और विदेशी श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. सनातन धर्म के इस भव्य आयोजन में शामिल होने के लिए साधु बाबा, सन्यासी, धर्म गुरु सब पहुंच रहे हैं. जिसमें तरह-तरह के संत और बाबा शामिल हैं. इन्हीं में से एक मसानी गोरख बाबा उर्फ IITian बाबा हैं. IITian बाबा ने लाखों की नौकरी छोड़ कर सनातन धर्म में रमणे का फैसला लिया है.

हरियाणा के IITian बाबा

IITian बाबा के नाम से ही पता चलता है कि इन्होंने आईआईटी से इंजीनियरिंग की है और फिर आगे चल कर बाबा बनने का फैसला किया. पत्रकारों से बात करते हुए IITian बाबा ने बताया कि उन्होंने इंजीनियरिंग आईआईटी मुंबई से एयर स्पेस और एयरोनॉटिकल स्ट्रीम में की है. वह हरियाणा के मूल निवासी हैं. जिनका ओरिजनल नाम अभय सिंह है.

बाबा ने अपने इंजीनियर से सन्यासी बनने के पीछे की कहानी साझा की है. जिसमें उन्होंने बताया कि उनकी इच्छा फोटोग्राफी करने की थी. फोटोग्राफी में नौकरी के लिए डिग्री की जरूरत थी. ऐसे में एक साल कोचिंग में भी उन्होंने पढ़ाया था.

इंजीनियरिंग और फोटोग्राफी के बाद बने सन्यासी

बाबा ने अपने सन्यासी जीवन को लेकर कहा, ‘यही यही सबसे उत्तम अवस्था है. ज्ञान के पीछे चलते जाओ, चलते जाओ, कहां तक जाओगे. आखिर में यहीं पर आना है. लेकिन मैं उस समय ये समझ नहीं पा रहा था कि करना क्या है? आईआईटी मुंबई में 4 साल पढ़ाई करने के बाद फिजिक्स में कोचिंग भी की. पैशन के चलते आर्ट्स में चला गया और फोटोग्राफी सीखी. मैंने मास्टर्स इन डिजानिंग में डिग्री ली. इसे करने के बाद भी मेरा मन कहीं लग नहीं रहा था. मेरे अंदर व्याकुलता बढ़ती जा रही थी.’

यह भी पढ़ें: मोबाइल से नकल कर रहा था छात्र, टीचर ने पकड़ा तो हुआ ऐसा की दर्ज हो गई FIR, जानिए पूरा मामला

बाबा ने आगे बताया, ‘मैं जीवन में पहले इंजीनियरिंग करना चाह रहा था. लेकिन इंजीनियरिंग करने के बाद भी जीवन का मतलब समझ नहीं आया कि आखिर करना क्या है. इसके बाद लगा कि, मुझे फोटोग्राफी करनी चाहिए. मैंने ट्रैवल फोटोग्राफी शुरू की. लगा कि इसमें ड्रीम लाइफ जीएंगे. घूमेंगे, हर जगह जाएंगे और खूब मौज करेंगे और पैसे भी कमाएंगे. यह बढ़िया दुनिया होगी. पैसा वैसे भी इंजीनियरिंग से भी कमा सकता था, लेकिन मैंने अपना पैशन पूरा किया. फिर भी कुछ समझ नहीं आया. तो इसके बाद मैंने सन्यासी बनने का फैसला लिया. अब मैं यहां दुनिया के मोह माया से दूर हूं.’

Exit mobile version