ये हैं बस्तर के फेमस आर्ट, जिनकी देश-विदेशों में हैं डिमांड, जानें खास बातें
श्वेक्षा पाठक
बस्तर के फेमस आर्ट
छत्तीसगढ़ के बस्तर की मशहूर कलाओं में ढोकरा, टेराकोटा, बेल मेटल और काष्ठ कला शामिल हैं, जिनका दुनियाभर में नाम है.ये पारंपरिक शिल्प पीतल, मिट्टी, लकड़ी और धातु से बनाए जाते हैं, जिनमें जनजातीय संस्कृति, देवी-देवता और जानवरों के नक्काशीदार रूप उकेरे जाते हैं.बस्तर ढोकरा कला: यह बस्तर की सबसे प्रसिद्ध और पारंपरिक शिल्प कला है, जिसमें ‘लोस्ट वैक्स’ तकनीक का उपयोग करके पीतल से मूर्तियां, दीपक और सजावटी सामान बनाए जाते हैं.बस्तर आयरन क्राफ्ट: जिसे गढ़ा लौह शिल्प भी कहते हैं. लोहे की कलाकृतियां, जैसे कि कार्यात्मक और सजावटी वस्तुएं, बनाई जाती हैं, जो अक्सर देहाती और काले रंग की होती हैं. तुम्बा आर्ट: सूखी लौकी को जलाकर और उसमें छेद करके डिजाइन बनाए जाते हैं.बस्तर वुडन आर्ट: नारायणपुर में लकड़ी की शिल्पकला काफी लोकप्रिय है. इसमें लकड़ी पर जनजातीय संस्कृति, देवी-देवता और जानवरों की कलाकृतियां उकेरी जाती हैं, जिनकी मांग विदेशों के संग्रहालयों में भी है.बेल मेटल आर्ट: इसे ढोकरा कला का ही एक रूप माना जा सकता है, जहां पीतल और अन्य धातुओं से खूबसूरत कलाकृतियां और घर सजाने के सामान बनाए जाते हैं.टेराकोटा आर्ट: इस कला में मिट्टी से सुंदर मूर्तियां बनाई जाती हैं, जिनमें विशेष रूप से घोड़े, हाथी और अन्य कलाकृतियां शामिल हैं.