Chhattisgarh में यहां मां दुर्गा की नहीं बल्कि महिषासुर की होती है पूजा, जानें क्या है कारण
श्वेक्षा पाठक
महिषासुर की पूजा
छत्तीसगढ़ अपनी संस्कृति, खान-पान और ऐतिहासिक धरोहरों के लिए प्रसिध्द है. वहीं यहां कई अनोखी परंपराएं भी हैं.यहां ऐसी जगह है, यहां लोग देवी दुर्गा की नहीं बल्कि महिषासुर की पूजा करते हैं और महिषासुर को अपना पूर्वज मानते हैं.जशपुर जिले में एक अनोखी परंपरा निभाई जाती है. यहां मनौरा विकासखंड में कुछ समुदाय ऐसे हैं, जो महिषासुर को अपना पूर्वज मानते हैं और नवरात्रि के दौरान उनकी विशेष पूजा करते हैं.जशपुर के ये लोग इसे छल मानते हैं. उनका मानना है, कि देवताओं ने मिलकर उनके पूर्वज की हत्या की थी. यही कारण है कि वे दुर्गा पूजा से दूर रहते हैं.पुरातत्व विभाग के अनुसार, जशपुर के जरहापाठ, बुर्जुपाठ, हाडिकोन और दौनापठा जैसे इलाकों में इस समुदाय के लोग निवास करते हैं. इसके अलावा, बस्तर के कुछ हिस्सों में भी ये लोग महिषासुर को अपना पूर्वज मानते हैं. पीढ़ियों से चली आ रही इस परंपरा को वे बड़े गर्व के साथ निभाते हैं.