छत्तीसगढ़ का अनोखा मंदिर, जहां बिना सिर वाली मूर्ति की होती है पूजा, दो जगहों से जुड़ा है रहस्य
श्वेक्षा पाठक
महामाया मंदिर(अंबिकापुर)
छत्तीसगढ़ में कई धार्मिक, टूरिस्ट प्लेस हैं, जिनमें से अम्बिकापुर का महामाया मंदिर भी बहुत प्रसिद्ध है. यहां एक ऐसा मंदिर है जहां बिना सिर वाली मूर्ति की पूजा की जाती है. हर साल इस मंदिर में श्रद्धालुओं का भीड़ देखी जाती है. बताते हैं कि महामाया मंदिर के नाम पर अंबिकापुर का नाम पड़ा है. महामाया या अंबिका देवी के सम्मान में अम्बिकापुर को ये नाम दिया गया है.यहां के लोगों में मंदिर के प्रति आस्था इतनी गहरी है कि वे किसी भी काम को शुरू करने से पहले मां का आशीर्वाद लेते हैं और फिर काम को शुरू करते हैं.श्रद्धालु भक्ति भाव से अपनी सारी मनोकामनाएं पूरी करने के लिए दूर-दूर से मां के दर्शन करने आते हैं.बताया जाता कि महामाया देवी का धड़ अंबिकापुर के महामाया मंदिर में स्थित है और उनका सिर बिलासपुर जिले के रतनपुर महामाया मंदिर में स्थित है. इस मंदिर में इसलिए ही बिना सिर के मूर्ति की पूजा होती है.