छत्तीसगढ़ में बना देश का पहला डिजिटल ट्राइबल म्यूजियम, ऑडियो-विजुअल डिस्प्ले, QR कोड से देख-सुन सकेंगे शौर्य-गाथा
श्वेक्षा पाठक
डिजिटल ट्राइबल म्यूजियम
छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर में देश का पहला डिजिटल ट्राइबल म्यूजियम बनकर तैयार हो गया है. शहीद वीर नारायण सिंह स्मारक सह आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय आदिवासी नायकों की वीरता, बलिदान और संघर्ष की कहानी बताएगा.प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राज्य स्थापना दिवस के मौके पर 1 नवंबर को इस संग्रहालय का शुभारंभ करेंगे. 9.75 एकड़ में बने इस संग्रहालय को बनने में करीब 3 साल 5 महीने का समय लगा है.डिजिटल म्यूजियम के निर्माण में लगभग 50 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं. म्यूजियम में छोटी-बड़ी सब मिलाकर लगभग 40 से ज्यादा LED लगी हैं.यहां लोग अपने मोबाइल से QR कोड स्कैन कर हर गाथा को हिन्दी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में सुन और देख सकेंगे.संग्रहालय परिसर में बिरसा मुंडा, रानी गाइडलो, गैंद सिंह, वीर गुण्डाधुर, सुकदेव पातर जैसे महान स्वतंत्रता संग्राम नायकों की प्रतिमा स्थापित की गई है.12 आदिवासी विद्रोह और 2 सत्याग्रह की जीवंत झांकी दिखाई गई है। डिजिटल स्क्रीन, ऑडियो-विजुअल डिस्प्ले और प्रोजेक्शन मैपिंग की सुविधा है.यहां भविष्य में इंट्री के लिए शुल्क भी देना होगा. फिलहाल, सरकार की ओर से इसके लिए कोई शुल्क निर्धारण की जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन म्यूजियम के कैंपस में प्रवेश करने के लिए टिकट काउंटर और चेक प्वाइंट भी बनाए गए हैं. जहां टिकट लेने के बाद ही लोग प्रवेश कर पाएंगे.म्यूजियम के मुख्य प्रवेश द्वार से एंट्री करते ही लगभग 1400 वर्ष पुराने साल वृक्ष की प्रतिकृति बनाई गई है. इसकी पत्तियों पर सभी 14 विद्रोहों का जीवंत वर्णन किया गया है.