छत्तीसगढ़ का अनोखा सुवा नृत्य, जहां महिलाएं तोते और धान के साथ करती है डांस
श्वेक्षा पाठक
छत्तीसगढ़ी में दिवाली पास आते ही सुवा गीत और नृत्य की रौनक देखते ही बनती है. जब महिलाओं की टोली सुआ गीत गाने निकलती है.यहां तोता को सुआ कहा जाता है, यह सुवा नृत्य केवल महिलाओं द्वारा किया जाता है, जिसमें अक्सर गोंड आदिवासी समुदाय की महिलाएं शामिल होती हैं.इसमें महिलाएं अपने आंतरिक विचारों और भावनाओं को व्यक्त करने के लिए तोते का उपयोग प्रतीक के रूप में करती हैं.इस नृत्य में किसी वाद्य यंत्र का उपयोग नहीं होता है, महिलाएं ताली की थाप पर गीत गाती हैं.सुवा नृत्य मुख्य रूप से फसल कटाई के बाद और दिवाली के दौरान, खासकर गौरा-गौरी के विवाह के अवसर पर किया जाता है.टोकरी को धान के नए मंजरियों से सजाया जाता है और इसे ‘सुग्गी’ कहा जाता है. यह नृत्य खुशी का जश्न मनाने और परिवार के सदस्यों के प्रति अपनी भावनाएँ व्यक्त करने का एक तरीका है.