Teej 2025: तीज पर लगाएं छत्तीसगढ़ के पारंपरिक व्यंजनों का भोग, बनाते-बनाते ही महक उठेगा घर
रुचि तिवारी
छत्तीसगढ़ के पारंपरिक भोजन
वड़ा- छत्तीसगढ़ में हर त्योहार पर वड़ा बनाने का भी रिवाज है. यह उड़द की दाल से बनाया जाता है.सुहारी- छत्तीसगढ़ में तीज-त्योहारों पर बड़े-बड़े आकार की पूड़ी बनाई जाती है, जिसे सुहारी कहते हैं. देहरौरी- दरदरे गेहूं आटे में दही मिलाकर इसे गूंथा जाता है. इसके बाद लोई बनाकर तला जाता है और फिर चाशनी में डूबाया जाता है. अनरसा- गेहूं और चावल आटे में गुड़ और तिल मिलाकर गूंथा जाता है. फिर इसकी लोई बनाकर इसे गोल आकार दिया जाता है और घी में तला जाता है.चीला- चावल आटे का चीला भी छत्तीसगढ़ का प्रसिद्ध पारंपरिक भोजन है. बिना चीला के यहां कोई भी त्योहार अधूरा है. फरा- छत्तीसगढ़ का पारंपरिक भोजन फरा खाने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंचते है. चावल आटे को गूंथकर लोई बनाई जाती है और फिर इसे स्टीम किया जाता है. चटनी के साथ यह लाजवाब लगता है.बिड़िया- बिड़िया भी छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध मीठे व्यंजनों में से एक है. इसे भी हर त्योहार में बनाया जाता है.पपची- पपची भी बेहद पसंदीदा पारंपरिक व्यंजन है. गेहूं के आटे की पापड़ी बनाकर इसे गुड़ की चाशनी में डुबोया जाता है. बच्चे से लेकर बड़े तक इसे चाव से खाते हैं. खुरमी- छत्तीसगढ़ की प्रसिद्ध मिठाइयों में खुरमी ग्रामीण इलाकों में बेहद लोकप्रिय है. खुरमी को गेंहू के आटे और चावल के आटे से बनाया जाता है.ठेठरी- यह छत्तीसढ़ का बेहद लोकप्रिय पारंपरिक व्यंजन है, जिसे हर त्योहार पर बनाया जाता है. यह बेसन से बनाई जाती है.