Ujjain: भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है यह अनोखा मंदिर, साल भर में सिर्फ रक्षाबंधन पर खुलते हैं कपाट
रुचि तिवारी
उज्जैन का अनोखा भाई-बहन मंदिर
धार्मिक नगरी उज्जैन में एक ऐसा अनोखा मंदिर है, जो भाई-बहन के रिश्ते को समर्पित है और साल में सिर्फ एक बार रक्षाबंधन के दिन ही खुलता है.उज्जैन के जीवनखेड़ी गांव में स्थित विश्व का पहला भाई-बहन प्रेम मंदिर आज भी लोगों के आकर्षण का केंद्र है. यहां शुभ-लाभ और मां संतोषी की प्रतिमाएं हैं. राखी का पहला धागा यहीं बांधा जाता है. मान्यता है कि भगवान गणेश के पुत्र शुभ और लाभ की कोई बहन नहीं थी. ऐसे में भगवान गणेशजी ने त्रिशूल से मां संतोषी को प्रकट कर उन्हें बहन बनाया था. रक्षाबंधन के दिन मां संतोषी अपने भाइयों शुभ और लाभ को राखी बांधती हैं. इस कारण यह पर्व मनाया जाता है. इस मंदिर की स्थापना समाजसेवी डॉ. कैलाशचंद्र नागवंशी ने साल 2000 में की थी. मंदिर का निर्माण गुरुदेव महामंडलेश्वर युगपुरुष स्वामी परमानंद जी महाराज के आशीर्वाद से किया गया. हर साल रक्षाबंधन के दिन मंदिर का कपाट खुलता है और सुबह से ही बड़ी संख्या में भाई-बहन यहां आकर पूजा-अर्चना करते हैं.