Vinesh Phogat: पेरिस ओलंपिक 2024 में भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट ने देश के लिए कई उम्मीदें जगाई थीं. 50 किग्रा फ्रीस्टाइल कुश्ती स्पर्धा में उन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल में प्रवेश कर लिया था, जिससे स्वर्ण पदक की उम्मीदें बढ़ गई थीं. लेकिन 100 ग्रा अधिक वजन होने के कारण उन्हें फाइनल के लिए डिस्क्वालीफाई कर दिया गया था. इसके बाद उन्होंने CAS में इस फैसले के खिलाफ अपील की थी लेकिन फैसला उनके पक्ष में नहीं आया और विनेश के साथ ही भारत को भी मायूसी हाथ लगी थी. सीएएस ने अब इस फैसले की डिटेल्ड रिपोर्ट दी है.
यह भी पढ़ें: Kolkata Rape Case: कोलकाता रेप केस पर आज सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट, देशभर में डॉक्टरों का प्रदर्शन जारी
CAS ने किस आधार पर दिया फैसला?
नियमों की स्पष्टता: वजन संबंधी नियम बिल्कुल स्पष्ट हैं और उनमें किसी प्रकार की छूट का प्रावधान नहीं है. विनेश ने कहा था कि 100 ग्रा अधिक वजन को ज्यादा न समझते हुए उन्हें मुकाबले के लिए मंजूरी दी जानी चाहिए.
विवेकाधिकार का प्रावधान नहीं: नियमों में छूट को लेकर किसी विवेकाधिकार का प्रावधान नहीं है.
पूरे टूर्नामेंट के दौरान वजन नियंत्रण: एक बार जब एक एथलीट वजन सीमा से बाहर हो जाता है, तो उसे अयोग्य घोषित कर दिया जाता है, भले ही वह पहले के दौर में वजन सीमा के भीतर रहा हो.
संयुक्त सिल्वर मेडल की संभावना नहीं: CAS ने इस बात को भी खारिज कर दिया कि विनेश और सेमीफाइनल में हारने वाली पहलवान को संयुक्त रूप से सिल्वर मेडल दिया जाए
यह भी पढ़ें: मनमोहन सिंह, सैम पित्रोदा समेत इन दिग्गजों की हुई थी लेटरल एंट्री, विवादों के बीच अश्विनी वैष्णव का पलटवार
CAS में विनेश ने क्या दलील दी थी
विनेश ने अयोग्यता के फैसले के खिलाफ CAS में अपील की थी. उन्होंने तर्क दिया था कि 100 ग्राम का यह अतिरिक्त वजन उनकी शारीरिक स्थितियों, जैसे कि मासिक धर्म और हाइड्रेशन के कारण था, और इसे नजरअंदाज किया जाना चाहिए. विनेश ने यह भी मांग की थी कि उन्हें सिल्वर मेडल दिया जाए. लेकिन आखिर में CAS ने उनकी दलीलों को खारिज करते हुए अपना फैसला सुनाया था.