Harbhajan Singh: पूर्व भारतीय क्रिकेटर हरभजन सिंह ने अपने इंटरनेशन करियर ने कई बड़े मुकाम हासिल किए हैं. लेकिन इसके साथ उन्हें कई विवादों ने भी पीछे नहीं छोड़ा है. हाल ही में आर आश्विन की पॉडकास्ट ‘कुट्टी स्टोरीज विथ एश’ में हरभजन सिंह ने कई चीजों पर बात की है. इसी दौरान जब अश्विन ने भज्जी से अपने करियर के ऐसे वाक्या के बारे में पूछा जिस वे भुलाना चाहते हैं. तो भज्जी ने श्रीसंत वाली घटना को याद किया. उन्होंने कहा इसे भुलाना चाहता हूं.
मैंने लगभग 200 बार माफ़ी माँगी
इस घटना को याद करते हुए हरभजन सिंह ने कहा, “एक चीज़ जो मैं अपनी ज़िंदगी में बदलना चाहूँगा, वह है श्रीसंत वाली घटना, मैं उस घटना को अपने करियर से मिटा देना चाहता हूँ… यही वो घटना है जिसे मैं बदलना चाहूँगा. जो हुआ वो ग़लत था, और मुझे वो नहीं करना चाहिए था जो मैंने किया… बस इतना ही… मैंने लगभग 200 बार माफ़ी माँगी. मुझे सबसे बुरा ये लगा कि… उस घटना के सालों बाद भी मैं हर मौके पर माफ़ी माँगता रहा हूँ.”
उन्होंने आगे कहा, “हम सभी गलतियाँ करते हैं, और हम उम्मीद करते हैं और कोशिश करते हैं कि ऐसी गलतियाँ फिर कभी न दोहराएँ. वो मेरा टीममेट था, और हम साथ खेल रहे थे. हाँ, उस मैच में हम विरोधी थे. लेकिन बात उस हद तक नहीं पहुँचनी चाहिए थी कि हम इस तरह का व्यवहार करें. तो हाँ, वो मेरी गलती थी, और उसकी सिर्फ़ इतनी गलती थी कि उसने मुझे उकसाया. और असल में ये ठीक भी है. लेकिन मैंने जो किया वो ठीक नहीं था.”
‘तुमने मेरे पिता को मारा’
“लेकिन जिस बात ने मुझे सबसे ज़्यादा दुख पहुँचाया, वो ये कि मैं उसकी बेटी से मिला. और मैं उससे बात कर रहा था. बहुत प्यार से. उसने कहा, ‘मैं तुमसे बात नहीं करना चाहती. तुमने मेरे पिता को मारा.’ मेरा दिल टूट गया, और मैं आँसुओं से भर गया. मैंने उस पर क्या प्रभाव छोड़ा है? वह मुझे ज़रूर बुरी नज़र से देख रही होगी, है ना? वह मुझे उसी आदमी के रूप में देखती है जिसने उसके पिता को मारा था.”
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उन्होंने आगे कहा, “मुझे बहुत बुरा लगा… मैं अब भी उसकी बेटी से माफ़ी माँगता हूँ कि मैं कुछ नहीं कर सकता… लेकिन अगर मैं कुछ ऐसा कर सकता हूँ जिससे तुम्हें अच्छा लगे और तुम्हें लगे कि मैं उस तरह का इंसान नहीं हूँ, तो प्लीज़ मुझे बताओ. काश जब वह बड़ी हो जाए तो मुझे उसी नज़र से न देखे. उसके चाचा हमेशा उसके साथ रहेंगे, और हर संभव मदद करेंगे. मैं उस अध्याय को मिटा देना चाहता हूँ.”
