IPL 2025: आईपीएल 2025 के शुरु होने में अब एक महीने से भी कम समय बचा हुआ है. 18वां सीजन का शेड्यूल जारी हो गया है. सभी टीमें आईपीएल की तैयारियों में लगी हुई हैं. आईपीएल के शुरु होने के साथ ही देश में सट्टा बजार भी गर्म हो जाता है. डिजिटल इंडिया फाउंडेशन की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत में अवैध सट्टेबाजी और जुए के माध्यम से हर साल लगभग 8.3 लाख करोड़ रुपये से अधिक की रकम जमा होती है. यह कारोबार सालाना 30 प्रतिशत की दर से भी बढ़ता जा रहा है.
बेटिंग प्लेटफॉर्म पर बढ़ती ट्रैफिक
भारत में कई ऑनलाइन बेटिंग प्लेटफॉर्म्स जैसे परिमैच, स्टेक, 1xबेट और बैटरी बेट की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है. अक्टूबर 2024 से दिसंबर 2024 के बीच, केवल तीन महीनों में इन चार प्लेटफार्मों को कुल 1.6 बिलियन विजिट मिले. सबसे चिंताजनक बात यह है कि इन प्लेटफॉर्म्स को प्रमोट करने में सोशल मीडिया का बड़ा हाथ है. यह ट्रैफिक पेड एडवरटाइजमेंट के जरिए आता है, जो फेसबुक एड नेटवर्क, प्रमोटेड कंटेंट, मार्केटिंग और सोशल मीडिया के जरिए होता है.
कैसे किया जाता है अवैध सट्टेबाजी का प्रचार?
ऑनलाइन बेटिंग ऐप्स और वेबसाइट्स अपने प्रचार के लिए कई ट्रिक्स अपनाती हैं. इनमें SEO का इस्तेमाल प्रमुख रूप से किया जाता है. उदाहरण के लिए, ये प्लेटफॉर्म्स “Best IPL Betting Site” या “Online Casino Without KYC” जैसे टैगलाइन का उपयोग करते हैं, जिससे लोग आसानी से इनके झांसे में आ जाते हैं. इसके अलावा, ये व्हाट्सएप और टेलीग्राम जैसे मैसेजिंग ऐप्स का भरपूर इस्तेमाल करते हैं. साथ ही कई सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर भी इन का प्रचार करते हैं.
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सरकार और एजेंसियों की भूमिका
आईपीएल के दौरान सट्टेबाजी और जुए की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए सरकार और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को सतर्क रहने की जरूरत है. कई देशों में बेटिंग को लेकर सख्त कानून हैं, लेकिन भारत में ऑनलाइन बेटिंग और सट्टेबाजी को लेकर अभी भी कई कानूनी खामियां हैं.
