Paddy Upton: भारत के डी गुकेस ने इतिहास रचते हुए वर्ल्ड चेस चैम्पियनशिप का खिताब जीत लिया. सिंगापुर में हुए इस मुकाबले में गुकेश ने मौजूदा चैम्पियन चीन के खिलाड़ी डिंग लिरेन को हराकर यह उपलब्धि हासिल की. इस जीत के साथ ही डी गुकेश 18 साल की उम्र में दुनिया के सबसे युवा वर्ल्ड चेस चैम्पियन बन गए.
कौन हैं पैडी अप्टन?
गुकेश की इस जीत के पीछे मेंटल कंडीशनिंग कोच पैडी अप्टन की महत्वपूर्ण भूमिका रही. पैडी अप्टन 2011 में भारतीय क्रिकेट टीम के वर्ल्ड कप जीतने और 2024 पेरिस ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली टीम के साथ काम कर चुके हैं. साउथ अफ्रीका के अप्टन पूरी दुनिया में अपनी मेंटल कंडीशनिंग कोचिंग के लिए जाने जाते हैं. वे 2008 से 2011 तक भारतीय क्रिकेट टीम के भी मेंटल कंडीशनिंग कोच रहे थे. अप्टन ने 2024 ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के साथ भी काम किया है.
अप्टन ने गुकेश को मैंटली और फिजकली मजबूत बनने में मदद की. गुकेश ने बताया कि उन्होंने पिछले कुछ महीनों से पैडी के साथ काम करना शुरू किया था. पैडी ने उन्हें हर स्थिति के लिए तैयार किया, चाहे वह गेम में आगे हों, पीछे हों, या प्रैसर में.
अप्टन ने एक इंटरव्यू में बताया कि उनकी रणनीति ये थी कि गुकेश कैसे अपने मन को नियंत्रित करें और विरोधी की चालों का सामना करें. उनका कहना था कि एक खिलाड़ी के लिए हर चाल और हर गेम में परफेक्ट रहना संभव नहीं है, लेकिन गुकेश ने हर परिस्थिति में खुद को संभाला.
गुकेश की जीत रही ऐतिहासिक
वर्ल्ड चेस चैम्पियनशिप 2024 का फाइनल मैच में 14 गेम थे, जिसमें गुकेश ने डिंग लिरेन को 14वें गेम में हराया. काले मोहरों से खेलते हुए गुकेश ने मुकाबला अपने नाम किया. जैसे ही उनकी जीत करीब आई, गुकेश भावुक हो गए और उनकी आंखों से आंसू झलक पड़े. इस जीत ने उन्हें भारत का दूसरा वर्ल्ड चेस चैम्पियन बना दिया. उनसे पहले केवल दिग्गज विश्वनाथन आनंद ने पांच बार यह खिताब जीता था.
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सबसे युवा वर्ल्ड चेस चैम्पियंस बने गुकेश
18 साल की उम्र में वर्ल्ड चैंपियन बनने वाले गुकेश दुनिया के सबसे युवा खिलाड़ी हैं. गुकेश से पहले ये रिकॉर्ड दिग्गज खिलाड़ी गैरी कास्पारोव के नाम था. कास्पारोव 1985 में 22 साल की उम्र में अनातोली कार्पोव को हराकर वर्ल्ड चैंपियन बने थे.