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“…ऑलराउंडर्स पर दबाव डालता है” IPL 2025 से पहले इम्पैक्ट प्लेयर रूल पर बोले AB de Villiers

AB de Villiers

एबी डिविलियर्स

AB de Villiers: आईपीएल 2025 के शुरू होने में अभी लगभग दो महीने बाकी हैं, लेकिन इससे पहले इम्पैक्ट प्लेयर नियम एक बार फिर चर्चा का विषय बन गया है. साउथ अफ्रीका के दिग्गज बल्लेबाज एबी डिविलियर्स ने इस नियम पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. डिविलियर्स ने कहा कि वह इस नियम को पसंद नहीं करते. उनका मानना है कि यह नियम टीमों में ऑलराउंडर्स की भूमिका पर दबाव डालता है और खेल को थोड़ा जटिल बनाता है.

ऑलराउंडर्स के लिए ठीक नहीं हैं

SA20 लीग के तीसरे सीजन की शुरुआत से पहले एक बातचीत के दौरान एबी डिविलियर्स ने कहा, “ईमानदारी से कहूं तो मैं कभी भी इसका बड़ा प्रशंसक नहीं रहा हूं. मैंने पिछले सीजन में आईपीएल के दौरान इसके बारे में बात की थी. मुझे लगता है कि यह थोड़ा भ्रमित करने वाला है. यह ऑलराउंडर्स और टीमों में उनकी भूमिका पर दबाव डालता है. बाहर से यह रोमांचक लगता है, लेकिन वास्तव में खेल के दौरान यह क्रिकेट के लिए अच्छी चीज नहीं है.”

डिविलियर्स ने SA20 लीग की तारीफ करते हुए कहा कि यह नए विचारों और नियमों को अपनाने के लिए जाना जाता है. हालांकि, उनका मानना है कि हर नया नियम खेल के संतुलन को बेहतर बनाने के बजाय उसे जटिल बना सकता है.

RO-KO ने भी कही थी ये बात

इम्पैक्ट प्लेयर नियम, जो आईपीएल 2023 में लागू हुआ, तब से ही खिलाड़ियों और विशेषज्ञों के बीच विवाद का कारण रहा है. भारत के दिग्गज खिलाड़ी रोहित शर्मा और विराट कोहली भी इस नियम की आलोचना कर चुके हैं.

रोहित शर्मा ने पिछले साल पॉडकास्ट ‘क्लब प्रेयरी फायर’ पर कहा था, “मैं इम्पैक्ट सब रूल का बहुत बड़ा प्रशंसक नहीं हूं. यह ऑलराउंडर्स को पीछे रखेगा. आखिरकार, क्रिकेट 11 खिलाड़ियों द्वारा खेला जाता है, 12 खिलाड़ियों द्वारा नहीं. इस नियम से खेल का मूल स्वरूप बदल जाता है.”

विराट कोहली ने भी रोहित शर्मा के विचारों का समर्थन करते हुए कहा था, “मनोरंजन खेल का एक पहलू है, लेकिन इसमें संतुलन की कमी है. गेंदबाजों को ऐसा लगता है कि हर गेंद पर चौका या छक्का खा लेंगे. खेल में ऐसा असंतुलन ठीक नहीं है.”

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विवाद का कारण क्यों?

इम्पैक्ट प्लेयर नियम के तहत टीमें अपनी प्लेइंग इलेवन में से किसी एक खिलाड़ी को मैच के दौरान बदल सकती हैं. यह नियम बल्लेबाजों और गेंदबाजों की भूमिकाओं में लचीलापन लाता है, लेकिन इसकी वजह से ऑलराउंडर्स की उपयोगिता कम हो जाती है. पारंपरिक क्रिकेट में ऑलराउंडर्स का महत्व खेल को संतुलन प्रदान करने में होता है. इस नियम ने उनकी भूमिका पर सवाल खड़े कर दिए हैं.

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