Vaibhav Suryavanshi: बिहार के समस्तीपुर जिले के छोटे से गांव मोतीपुर के रहने वाले वैभव सूर्यवंशी ने आईपीएल 2025 के मेगा ऑक्शन में इतिहास रच दिया. महज 13 साल 243 दिन की उम्र में इस युवा क्रिकेटर ने अपनी शानदार प्रदर्शन और कठोर मेहनत के बल पर आईपीएल की दुनिया में कदम रखा और खुद को साबित किया. उनकी यह सफलता सिर्फ उनके लिए नहीं, बल्कि पूरे बिहार और भारतीय क्रिकेट के लिए गर्व का विषय बन गई है.
संघर्ष की कहानी
वैभव सूर्यवंशी के क्रिकेट में करियर बनाने की शुरुआत एक साधारण से गांव में हुई थी, जहां बच्चों के पास ना तो आधुनिक सुविधाएं थीं, ना ही क्रिकेट के लिए उचित संसाधन. लेकिन, वैभव के पिता संजीव सूर्यवंशी ने कभी भी अपने बेटे के सपनों को टूटने नहीं दिया.
एक इंटरव्यू में संजीव सूर्यवंशी ने बताया, “जब वैभव ने क्रिकेट में अपनी रुचि दिखानी शुरू की, तो मैंने समझ लिया कि वह बड़ा कर सकता है. मैंने अपनी खेती की ज़मीन बेच दी और वैभव को क्रिकेट की ट्रेनिंग दिलवाने के लिए समस्तीपुर से पटना और फिर पटना से दिल्ली तक का सफर तय किया. यह कोई आसान काम नहीं था, लेकिन जब बेटे के चेहरे पर आत्मविश्वास दिखा, तो लगा कि हमें कभी भी हार नहीं माननी चाहिए.”
कड़ी मेहनत से कामयाबी की यात्रा
वैभव की सफलता के पीछे उसकी कड़ी मेहनत और संघर्ष है. पांच साल की उम्र में बल्ला थामने के बाद, उसने क्रिकेट के प्रति अपनी निष्ठा दिखानी शुरू की. आठ साल की उम्र में ही उसने डिस्ट्रिक्ट ट्रायल्स में शानदार प्रदर्शन किया, और फिर धीरे-धीरे वह लोकल टूर्नामेंट्स में अपना नाम कमा रहे थे. उनकी टीम और व्यक्तिगत प्रदर्शन ने उसे तेजी से क्रिकेट के बड़े मंचों तक पहुंचाया.
वैभव के क्रिकेट करियर की नींव एक छोटे से गांव में रखी गई थी, लेकिन उसकी मेहनत ने उसे बड़ा खिलाड़ी बनने की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ाया. हर कदम पर उसके पिता ने उसका साथ दिया.
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मेगा ऑक्शन में वैभव का नाम
आईपीएल 2025 के मेगा ऑक्शन में वैभव का नाम सामने आते ही सबकी नज़रें उस पर ठहर गईं. महज़ 30 लाख की बेस प्राइस पर शुरू हुई बोली ने देखते ही देखते रफ्तार पकड़ी. राजस्थान रॉयल्स और दिल्ली कैपिटल्स के बीच हो रही कड़ी बोली के बाद अंततः 1.10 करोड़ रुपये में राजस्थान रॉयल्स ने वैभव सूर्यवंशी को अपनी टीम में शामिल किया.
यह वैभव के लिए एक ऐतिहासिक मोड़ था. मात्र 13 साल 243 दिन की उम्र में आईपीएल जैसी प्रतिष्ठित लीग में अपना नाम दाखिल कराना, यह न सिर्फ वैभव के लिए, बल्कि उसके परिवार और पूरे बिहार के लिए गर्व का पल है.
वैभव के परिवार में उनकी मां और छोटे भाई भी उनकी सफलता में भागीदार रहे हैं. जब उनके बेटे ने आईपीएल में अपना स्थान सुनिश्चित किया, तो घर में खुशी का माहौल था. घर में केक काटकर और एक दूसरे को गले लगाकर उनकी सफलता का जश्न मनाया गया. यह सब वैभव की कड़ी मेहनत और परिवार के समर्थन का परिणाम था, जो उसे अपने सपनों को पूरा करने की दिशा में लगातार प्रेरित करता रहा.
बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के चीफ का बयान
बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश तिवारी ने भी वैभव की सफलता पर गर्व व्यक्त किया. उन्होंने कहा, “यह एक ऐतिहासिक पल है. वैभव ने सिर्फ क्रिकेट की दुनिया में नाम नहीं कमाया, बल्कि उसने उन सभी बच्चों के लिए एक उदाहरण पेश किया है, जो छोटे-छोटे गांवों से बड़े सपने देखते हैं.
वैभव सूर्यवंशी की सफलता एक प्रेरणास्त्रोत है, जो यह सिद्ध करती है कि अगर किसी व्यक्ति में दृढ़ संकल्प और जुनून हो, तो कोई भी बाधा उसे सफलता की ओर बढ़ने से रोक नहीं सकती. यह कहानी न केवल क्रिकेट की है, बल्कि उस जज़्बे की है जो किसी भी मुश्किल में कभी हार नहीं मानता.
वर्तमान में वैभव ने अपना पहला कदम आईपीएल की दुनिया में रखा है, लेकिन यह तो सिर्फ शुरुआत है. आगामी वर्षों में उनकी कड़ी मेहनत और लगन उन्हें और ऊंचाइयों तक पहुंचाएगी, यह कहना कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी.