Virat Kohli: स्टार बल्लेबाज विराट कोहली और कप्तान रोहित शर्मा ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में बेहद खराब प्रदर्शन किया. इस सीरीज में भारतीय टीम को हार का सामना करना पड़ा, और इस हार का एक बड़ा कारण दोनों दिग्गज खिलाड़ियों का फ्लॉप शो माना जा रहा है. हालांकि, कोहली ने सीरीज के पहले टेस्ट में शानदार शतक से शुरुआत की थी, लेकिन उसके बाद वह अपनी फॉर्म को बरकरार नहीं रख सके.
सीरीज के तीन टेस्ट मैचों की पांच पारियों में रोहित शर्मा सिर्फ 31 रन बना सके, वह भी 6.20 की बेहद खराब औसत से. विराट कोहली ने भी सीरीज के पहले टेस्ट के बाद उम्मीदों के अनुरूप प्रदर्शन नहीं किया. इन दोनों खिलाड़ियों के फ्लॉप होने से भारतीय टीम के लिए स्थिति और भी मुश्किल हो गई. दोनों दिग्गजों के खराब प्रदर्शन को देखते हुए ऐसा माना जा रहा है कि वे 23 जनवरी से शुरु हो रही रणजी ट्रॉफी साइकल में खेलते नजर आ सकते हैं.
विराट-रोहित का आखिरी रणजी ट्रॉफी मैच
क्या आप जानते हैं कि विराट कोहली ने आखिरी बार रणजी ट्रॉफी कब खेली थी? यह जानकर शायद आपको हैरानी होगी कि विराट कोहली ने रणजी ट्रॉफी में आखिरी बार साल 2012 में दिल्ली की ओर से खेला था. उस मैच में उन्होंने 14 और 42 रन की पारियां खेली थीं. इसके बाद से विराट कोहली को फिर कभी रणजी ट्रॉफी में खेलते नहीं देखा गया.
रोहित शर्मा की बात करें तो उन्होंने आखिरी बार रणजी ट्रॉफी में 2015 में मुंबई की ओर से हिस्सा लिया था. उसके बाद से वह भी इस प्रतिष्ठित घरेलू टूर्नामेंट से दूर हैं. हालांकि, रोहित शर्मा 2018 में विजय हजारे ट्रॉफी में जरूर खेले थे, लेकिन रणजी ट्रॉफी में उनकी गैरमौजूदगी ने सवाल खड़े किए हैं.
क्या डोमेस्टिक क्रिकेट की कमी बनी समस्या?
पूर्व क्रिकेटरों और क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि रोहित शर्मा और विराट कोहली के लगातार खराब प्रदर्शन का एक कारण डोमेस्टिक क्रिकेट से दूरी हो सकता है. रणजी ट्रॉफी जैसे महत्वपूर्ण टूर्नामेंट में लंबे समय से नहीं खेलने से उनकी बल्लेबाजी में वह स्थिरता और अभ्यास की कमी साफ झलक रही है.
यह भी पढ़ें: UAE में हो सकता है Champions Trophy 2025 का आयोजन! इस कारण पाकिस्तान से छिन सकती है मेजबानी
डोमेस्टिक क्रिकेट क्यों है जरूरी?
डोमेस्टिक क्रिकेट खिलाड़ियों के लिए अपनी तकनीक को सुधारने और नए खिलाड़ियों के खिलाफ खुद को परखने का एक बेहतरीन मंच होता है. लेकिन विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे दिग्गज खिलाड़ी पिछले एक दशक से इस महत्वपूर्ण स्तर पर खुद को साबित करने का प्रयास नहीं कर रहे हैं.