Rohit Sharma: मेलबर्न में खेले गए बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी क चौथे टेस्ट में भारत की हार के बाद टीम के प्रदर्शन पर कई सवाल उठ रहे हैं. 340 रन के बड़े स्कोर का पीछा करने उतरी भारतीय टीम को एक बार फिर इस सीरीज में अपनी खराब बल्लेबाजी के चलते हार का सामना करना पड़ा. भारतीय कप्तान रोहित शर्मा का भी प्रदर्शन इस सीरीज में शर्मनाक रहा है. रोहित ने अब तक 5 पारियों में केवल 31 रन बनाए हैं.
रोहित की बल्लेबाजी के साथ उनकी कप्तानी को भी आलोचना का सामना करना पड़ा है. रोहित शर्मा, जो अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी और स्थिर नेतृत्व के लिए जाने जाते हैं. उनके बल्ले से न केवल रन कम निकले, बल्कि मैच के कई अहम पलों में लिए गए कप्तानी के फैसले भी विफल रहे. इस सीरीज में कई ऐसे मौके आए जहां रोहित की कप्तानी विफल नजर आई. यह प्रदर्शन उनके सुनहरे करियर के लिए एक चिंताजनक मोड़ हो सकता है.
संन्यास की अटकलें तेज
सीरीज के बाद रोहित शर्मा के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने की संभावना पर चर्चा तेज हो गई है. भारतीय सिलेक्टर्स ने अब नए खिलाड़ियों को मौका देने और टीम में नई ऊर्जा लाने की तैयारी शुरू कर दी है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, चयनकर्ता पहले से ही रोहित के संभावित संन्यास के लिए योजना बना रहे थे और युवा खिलाड़ियों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं.
संन्यास एक युग के अंत जैसा होगा
रोहित भारतीय क्रिकेट के सबसे सफल बल्लेबाजों में से एक रहे हैं. उन्होंने अपनी बल्लेबाजी से कई बार टीम को जीत दिलाई है और वनडे व टी20 में उनके रिकॉर्ड असाधारण हैं. हालांकि, टेस्ट क्रिकेट में रोहित की सफलता सीमित रही है. अगर रोहित संन्यास लेते हैं, तो यह भारतीय क्रिकेट के लिए एक युग के अंत जैसा होगा. उनकी विरासत हमेशा याद रखी जाएगी, लेकिन समय आ गया है कि भारतीय क्रिकेट नई दिशा की ओर बढ़े.