Belrise Industries IPO Allotment Status: पिछले दिनों पुणे की ऑटो पार्ट्स कंपनी बेलराइज इंडस्ट्रीज ने अपने 2,150 करोड़ रुपये के IPO के साथ शेयर बाजार में धमाल मचा दिया. 23 मई को बंद हुए इस IPO को 43.1 गुना सब्सक्रिप्शन मिला, यानी निवेशकों ने इसमें इतना पैसा लगाया कि शेयरों की मांग आसमान छू गई. खासकर QIB (क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स) ने तो इस IPO को हाथोंहाथ लिया. वहीं, रिटेल और HNI निवेशकों ने भी इसमें जमकर दिलचस्पी दिखाई. लेकिन सवाल वही पुराना है कि इतनी भीड़ में आपको शेयर क्यों नहीं मिलता? आइए, इस ‘IPO वाले खेल’ को आसान भाषा में विस्तार से समझते हैं.
बेलराइज IPO की धूम
बजाज, टाटा मोटर्स और महिंद्रा जैसी दिग्गज कंपनियों को बेलराइज इंडस्ट्रीज ऑटो पार्ट्स सप्लाई करती है. इस बार बेलराइज इंडस्ट्रीज ने अपने IPO में 85-90 रुपये प्रति शेयर का प्राइस बैंड रखा था. निवेशकों को कम से कम 166 शेयरों का लॉट खरीदना था, यानी करीब 14,940 रुपये का न्यूनतम निवेश. इस IPO का 50% हिस्सा QIB, 35% रिटेल और 15% HNI निवेशकों के लिए था. शेयर आवंटन की स्थिति को 26 मई 2025 को अंतिम रूप दी जाएगी. आप इसे NSE, BSE, या लिंक इनटाइम इंडिया की वेबसाइट पर चेक कर सकते हैं. लिस्टिंग 28 मई को होने की संभावना है, और बाजार की नजर इस पर टिकी है कि क्या यह IPO निवेशकों को मोटा मुनाफा देगा.
हाल-फिलहाल के हॉट IPO
2025 में भारतीय IPO मार्केट में जबरदस्त हलचल है. बेलराइज के अलावा कई बड़े IPO ने निवेशकों का ध्यान अपनी ओर खींचा है.
NTPC ग्रीन एनर्जी: 10,000 करोड़ रुपये का मेगा IPO, जो नवंबर 2024 में 19-22 तारीख को खुला और 27 नवंबर को लिस्ट हुआ. रिन्यूएबल एनर्जी की बढ़ती डिमांड की वजह से इसे भी निवेशकों ने जमकर सब्सक्राइब किया.
बोराना वीव्स: कपड़ा कंपनी का यह IPO मई में ही खुला और दूसरे दिन 29.5 गुना सब्सक्राइब हुआ. इसका प्राइस बैंड 205-216 रुपये था.
सुरक्षा डायग्नोस्टिक: दिसंबर 2024 में लिस्ट हुआ यह IPO 100% ऑफर फॉर सेल था, लेकिन लिस्टिंग में केवल 1% डिस्काउंट देखा गया.
हैक्सावेयर टेक्नोलॉजी: फरवरी 2025 में खुलने वाला यह IPO IT सेक्टर में बड़ा दांव है.
क्वाड्रंट फ्यूचर टेक: भारतीय रेलवे के ‘कवच’ सिस्टम से जुड़ा यह IPO जनवरी 2025 में लिस्ट हुआ.
ये तो बस कुछ उदाहरण हैं. 2024-25 में भारतीय IPO मार्केट ने एक के बाद एक धमाकेदार इश्यू देखे, और निवेशकों की भीड़ हर बार शेयर की जंग में उतर रही है.
आपको शेयर क्यों नहीं मिलता?
आपने IPO में पैसा लगाया, दिल थामकर आवंटन का इंतजार किया, लेकिन फिर भी शेयर नहीं मिला? चलिए, इस ‘खेल’ को समझते हैं.
ज्यादा डिमांड, कम सप्लाई: जब कोई IPO 43.1 गुना सब्सक्राइब होता है, जैसे बेलराइज का, तो इसका मतलब है कि शेयरों की तुलना में आवेदन कई गुना ज्यादा हैं. मान लीजिए, कंपनी 1 लाख शेयर ऑफर करती है, लेकिन 43 लाख शेयरों के लिए आवेदन आते हैं. ऐसे में हर किसी को शेयर देना नामुमकिन है.
लॉटरी सिस्टम: रिटेल निवेशकों के लिए शेयर आवंटन लॉटरी सिस्टम से होता है. SEBI के नियमों के तहत, अगर ओवरसब्सक्रिप्शन होता है, तो रजिस्ट्रार रैंडम ड्रॉ के जरिए शेयर बांटता है. यानी, आपका लक भी मायने रखता है.
QIB और HNI का दबदबा: बेलराइज जैसे IPO में QIB और HNI हिस्सा ज्यादा सब्सक्राइब करते हैं, क्योंकि उनके पास बड़ा पूंजी निवेश होता है. रिटेल निवेशकों को 35% हिस्सा मिलता है, जो कम पड़ जाता है.
टेक्निकल रिजेक्शन: कई बार गलत PAN नंबर, अधूरी KYC या गलत आवेदन की वजह से आपका फॉर्म रिजेक्ट हो जाता है.
ग्रे मार्केट का खेल: ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) से IPO की हाइप बढ़ती है, जिससे और लोग इसमें कूद पड़ते हैं. बेलराइज का GMP 13-14 रुपये था, जिसने निवेशकों को लुभाया.
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कैसे पक्का करें शेयर?
सही समय पर अप्लाई करें: IPO खुलने के पहले या आखिरी दिन सुबह जल्दी अप्लाई करें, ताकि टेक्निकल गड़बड़ी से बचा जा सके.
UPI और ASBA का इस्तेमाल: अपने बैंक के जरिए ASBA (Application Supported by Blocked Amount) से अप्लाई करें. पैसा ब्लॉक होता है, लेकिन निकलता तभी है जब शेयर मिलता है.
कई डीमैट अकाउंट: परिवार के सदस्यों के नाम से अलग-अलग डीमैट अकाउंट से अप्लाई करने से लॉटरी में चांस बढ़ता है.
छोटे लॉट में अप्लाई करें: ज्यादा लॉट्स के लिए अप्लाई करने से आवंटन की संभावना कम हो सकती है, क्योंकि रिटेल कोटे में छोटे आवेदनों को प्राथमिकता मिलती है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
बेलराइज IPO को आनंद राठी, जियोजित फाइनेंशियल और बजाज ब्रोकिंग ने ‘लॉन्ग टर्म’ के लिए सब्सक्राइब करने की सलाह दी थी. कंपनी का फोकस EV और कमर्शियल व्हीकल्स पर है, और FY24 में इसका रेवेन्यू 17.8% CAGR से बढ़ा है. हालांकि, कुछ एक्सपर्ट्स ने इसके वैल्यूएशन को लेकर सावधानी बरतने की सलाह दी.
बेलराइज का शेयर आवंटन 26 मई को फाइनल होगा, और लिस्टिंग 28 मई को BSE-NSE पर होगी. अगर आपने इसमें बोली लगाई है, तो लिंक इनटाइम इंडिया, NSE, या BSE की वेबसाइट पर अपनी स्थिति चेक करें. और अगर शेयर नहीं मिला, तो निराश न हों. IPO मार्केट में मौके बार-बार आते हैं. बस थोड़ा धैर्य, थोड़ी रणनीति और थोड़ा लक चाहिए. तो, अगले IPO में उतरने से पहले इस ‘खेल’ को समझ लें, और शेयर बाजार की इस रेस में अपनी चाल चलें.
