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Disco Browser: गूगल का नया AI फर्स्ट ब्राउज़र ‘Disco’ लॉन्च, देखें फीचर्स

Disco Browser

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Disco Browser: गूगल ने हाल ही में अपने नया AI फर्स्ट ब्राउज़र ‘डिस्को’ (Disco) लॉन्च कर दिया है. यह ब्राउज़र पारंपरिक ब्राउज़रों, जैसे क्रोम या सफारी से अलग है. क्योंकि इसका मुख्य लक्ष्य सिर्फ वेबसाइटों को खोलना नहीं, बल्कि यूज़र के लिए कस्टमाइज़्ड, इंटरैक्टिव मिनी-ऐप्स या वर्कफ़्लो तैयार करना है.

डिस्को एक ‘डिस्कवरी व्हीकल’ के रूप में गूगल लैब्स के तहत लॉन्च किया गया है, जिसका मतलब है कि इसमें सफल होने वाले आइडिया भविष्य में गूगल के दूसरे प्रोडक्ट्स, जैसे कि क्रोम, में शामिल किए जा सकते हैं.

गूगल डिस्को की मुख्य विशेषताएँ

डिस्को को गूगल के सबसे उन्नत AI मॉडल जेमिनी 3 पर चलता है, और इसकी सबसे बड़ी ताकत इसका मुख्य फीचर ‘जेनटैब्स’ है. जेनटैब्स पारंपरिक स्टैटिक टैब की जगह इंटरैक्टिव वेब ऐप्लिकेशन हैं. यह यूज़र के सवालों या प्रॉम्प्ट को इनपुट के रूप में लेता है. डिस्को को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि AI ब्राउजर के हर हिस्से में मौजूद रहे. यह चैटबॉट को साइड में जोड़ने के बजाय, AI-जनरेटेड ऐप्स को ही ब्राउजर का सेंटर बनाता है.

जब आप डिस्को में कोई कॉम्पलैक्स काम करने के लिए प्रॉम्प्ट देते हैं, तो यह केवल लिंक की एक लिस्ट नहीं दिखाता. बल्कि, यह आपके ब्राउज़िंग कॉन्टेक्सट को समझकर कई संबंधित टैब खोलता है और साथ ही तुरंत एक ट्रिप प्लानर ऐप या डैशबोर्ड तैयार कर देता है.

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डिस्को क्यों अलग है?

डिस्को केवल जानकारी देने के बजाय, टास्क-ओरिएंटेड है. जबकि अन्य कॉम्पटीटर मुख्य रूप से चैटबॉट को ब्राउजर में जोड़ देते हैं, डिस्को एक कदम आगे बढ़कर पूरे वेब अनुभव को एक वर्कस्पेस में बदल देता है, जो यूज़र की कॉम्पलैक्स समस्याओं को ठीक कर देता है. गूगल का यह ब्राउजर सीधेतौर पर Edge, Comet और Atlas का कॉम्पटीटर है.

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