Price Hike: अगर आप ओला या उबर जैसी कैब सेवाओं का इस्तेमाल करते हैं, तो आपकी जेब पर अब और बोझ पड़ने वाला है. सरकार ने कैब एग्रीगेटर्स को पीक ऑवर्स के दौरान सामान्य किराए से दोगुना तक किराया वसूलने की छूट दे दी है. यह नया नियम सीधे तौर पर उन लाखों यात्रियों को प्रभावित करेगा जो हर दिन इन सेवाओं पर निर्भर रहते हैं.
कैब एग्रीगेटर्स के बड़ी राहत
यह निर्णय सरकार द्वारा कैब एग्रीगेटर्स को दी गई एक बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा है, लेकिन यात्रियों के लिए यह किसी झटके से कम नहीं है. अब सुबह और शाम के व्यस्त समय में, या जब भी कैब की मांग अधिक होगी, तो आपको सामान्य किराए के मुकाबले दोगुना भुगतान करना पड़ सकता है. यह कदम ऐसे समय में आया है जब पहले से ही ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी और महंगाई की मार आम आदमी झेल रहा है.
कैब एग्रीगेटर्स का तर्क रहा है कि पीक आवर्स में ड्राइवरों को प्रोत्साहन देने और मांग-आपूर्ति के संतुलन को बनाए रखने के लिए इस तरह की सर्ज़ प्राइसिंग (Surge Pricing) आवश्यक है. उनका मानना है कि इससे अधिक ड्राइवर सड़कों पर आएंगे और यात्रियों को कैब मिलने में आसानी होगी. हालांकि, उपभोक्ताओं का मानना है कि यह कंपनियों को मनमाना किराया वसूलने की छूट देगा, जिससे उनकी दैनिक यात्रा की लागत काफी बढ़ जाएगी.
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इस फैसले के बाद, यह देखना दिलचस्प होगा कि ओला और उबर जैसी कंपनियां इस छूट का कैसे उपयोग करती हैं और इसका सीधा असर कैब उपयोगकर्ताओं पर कितना पड़ता है. क्या इससे कैब ड्राइवरों को वास्तव में फायदा होगा और सेवा में सुधार आएगा, या यह केवल कंपनियों के मुनाफे को बढ़ाने का एक जरिया बनेगा? आने वाले समय में ही इसका स्पष्ट प्रभाव सामने आएगा.
