Gratuity Rule Change: भारत में नौकरीपेशा लोगों के लिए केंद्र सरकार ने एक बड़ी खुशखबरी दी है. 21 नवंबर को नए लेवर लॉ के लागू होने के बाद ग्रेच्युटी के नियमों में बड़ा बदलाव हुआ है. नए नियमों के लागू होने के बाद कर्मचारियों को ग्रेच्युटी पाने के लिए 5 साल का लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा. अब केवल एक साल काम करके भी ग्रेच्युटी पा सकेंगे. इसके अलावा फिक्स्ड टर्म कर्मचारियों को भी अब ग्रेच्युटी मिलेगी. देखें ग्रेच्युटी का पूरा कैलकुलेशन.
5 साल की जगह 1 साल में ग्रेच्युटी
पहले किसी भी कर्मचारी को ग्रेच्युटी पाने के लिए किसी कंपनी में लगातार 5 साल काम करना होता था. लेकिन अब नए नियमों के लागू होने के बाद अब 1 साल काम करने के बाद कोई कर्मचारी ग्रेच्युटी पाने के लिए एलिजिवल हो जाएगा. इसका मतलब है कि अगर आप किसी कंपनी में फिक्स्ड टर्म कर्मचारी के तौर पर काम कर रहे हैं, आपकी नौकरी की अवधि तय है, तो 1 साल पूरा होने पर ही आप ग्रेच्युटी के हकदार हो जाएंगे. पहले केवल पर्मानेंट कर्मचारियों को ही ग्रेच्युटी मिलती थी.
ग्रेच्युटी कैलकुलेशन का फॉर्मूला
नए नियमों के बावजूद ग्रेच्युटी कैलकुलेट करने का फॉर्मूला वही पुराना है- (लास्ट बेसिक सैलरी + DA) × (नौकरी के कुल साल) × (15/26) यहाँ 15 का मतलब आधे महीने की सैलरी और 26 का मतलब महीने के वर्किंग डेज हैं. मान लीजिए आप एक फिक्स्ड टर्म कर्मचारी हैं और किसी कंपनी में दो साल काम किया है. आपकी आखिरी बेसिक सैलरी + DA ₹30,000 है. तो आपकी ग्रेच्युटी = 30,000 × 2 × (15/26) = ₹34,615 होगी.
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