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आयुष से इलाज कराने पर रिजेक्ट हो रहे हैं बीमा क्लेम; कंपनियां अलग –अलग तर्क देकर दावों को कर रही खारिज

Health Insurance

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Health Insurance: स्वास्थ्य बीमा में आयुष कवर महत्वपूर्ण है क्योंकि आयुष उपचार स्वास्थ्य सेवा के प्रति एक समग्र दृष्टिकोण रखते हैं. आजकल आयुष (AYUSH) प्रणालियों में बहुत से लोग इलाज कराते है. आयुष का मतलब है आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा. यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी. इन प्रणालियों में, लोग बीमारियों के इलाज, स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और बीमारियों से बचने के लिए इलाज कराते हैं.

अगर आपने भी आयुष से इलाज कराया है और अस्पताल के बिल के भुगतान के लिए आप क्लेम राशि पर निर्भर है तो आपको सावधान हो जाना चाहिए. क्योंकि आयुष से इलाज कराने वाले अधिकांश मरीजों को बीमा क्लेम प्राप्त करने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है.

बीमा नियामक इरडा ने 2024 में निर्देश जारी किया था, जिसमें आयुष को आधुनिक चिकित्सा पद्धति के समकक्ष मानने के स्पष्ट निर्देश के बावजूद, मरीजों को अभी भी बीमा क्लेम के खारिज होने का सामना करना पड़ रहा है. रिपोर्ट के अनुसार लगभग 70% आयुष के क्लेम रिजेक्ट हो रहे हैं. दरअसल, बीमा कंपनियां दस्तावेजों की कमी, अस्पष्ट उद्देश्यों और इलाज की मेडिकल नीड न होने जैसे तर्कों के आधार पर क्लेम खारिज कर रही हैं. यहां तक कि आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री आरोग्य योजना में भी आयुष को कवर नहीं किया जा रहा है.

यहां जानेंगे, बीमा क्लेम क्यों रिजेक्ट हो रहे है. कंपनियां इसके लिए क्या तर्क दे रहीं और बीमा दावें रिजेक्ट न हो इसके लिए किन टिप्स को करें फॉलो…?

ये बहाने बना रही कंपनियां

बीमा कंपनियां यह कहकर क्लेम खारिज कर देती हैं कि उपचार केवल जांच के लिए था, न कि अस्पताल में भर्ती होने के लिए

कई कंपनियां आयुष पद्धतियों को ‘वेलनेस’ या ‘रूटीन हेल्थ केयर’ की श्रेणी में रखती हैं, जिससे भुगतान की जिम्मेदारी से बचा जा सके

स्टार हेल्थ की कुछ पॉलिसियों में योग और नेचुरोपैथी को स्पष्ट रूप से कवर नहीं किया गया है.वहीं निवा बुपा की रीएश्योर 2.0 पॉलिसी में भी कुछ आयुष उपचारों को सीमित कर दिया गया है. स्टार ने योग और नेचुरोपैथी को बाहर रखा है.

बीमा क्लेम क्यों किए जा रहे रिजेक्ट?

इलाज के लिए स्टैंडर्ड प्रोटेकॉल का अभाव, अस्पताल और मरीज दोनों ही डॉक्यूमेंटेशन और क्लेम प्रोसेस के नियमों से अनजान.
क्लेम के लिए सही प्रक्रिया नहीं अपनाई जाती, जिससे बीमा कंपनी उसे ‘वेलनेस ट्रीटमेंट’ मानकर खारिज कर देती है.इलाज ओपीडी में कराया जा सकता था.
डॉक्टर के पर्चे, अस्पताल के रिकॉर्ड, और अन्य आवश्यक दस्तावेजों की कमी या अपूर्णता भी क्लेम रिजेक्ट होने का कारण बन सकती है.
कुछ बीमाकर्ता, विशेष रूप से आयुष उपचार के संबंध में, यह मान सकते हैं कि उपचार रोग को ठीक करने के बजाय केवल रोकथाम या कल्याण के लिए है. यदि उपचार को रोग को ठीक करने वाला नहीं माना जाता है, तो क्लेम खारिज किया जा सकता है.

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क्लेम रिजेक्ट न हो इसके लिए अपनाए ये सुझाव

इलाज से पहले ही पॉलिसी पढ़ लें कि कौन-कौन से आयुष इलाज शामिल हैं. कुछ कंपनियां कुछ बीमारियों के उपचार को कवर नहीं करती हैं.
बीमा कंपनी के हॉस्पिटल नेटवर्क में शामिल आयुष सेंटर में इलाज को प्राथमिकता दें. अन्य अस्पताल में इलाज करा रहे हैं तो वह एनएबीएच से मान्यता प्राप्त होना चाहिए.
अस्पताल में भर्ती होने से 24 घंटे पहले अपनी बीमा कंपनी को सूचित करें.
डॉक्टरों की सलाह, भर्ती की जरूरत और इलाज का पूरा रिकॉर्ड सुरक्षित रखें.
क्लेम रिजेक्ट हो तो बीमा लोकपाल में शिकायत करें.

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