ITR Refund 2025: ITR फाइल करने के बाद टैक्स पोयर्स को अपने टैक्स रिफंड का इंतजार रहता है. अगर आपने समय पर ITR फाइल कर दिया है, लेकिन आपका रिफंड अभी तक आपके खाते में नहीं आया है, तो चिंता हो सकती है. हालांकि, इसकी कई वजहें हो सकती हैं. आइए जानते हैं कि ITR रिफंड में देरी के मुख्य कारण क्या हो सकते हैं और आपको किन चीज़ों की जांच करनी चाहिए
ITR का वेरिफिकेशन न होना
ITR फाइल करने के बाद सबसे अहन कदम है उसका वेरिफिकेशन करना. यदि आप रिटर्न को e-Verify या मैन्युअल रूप से वेरिफाई नहीं करते हैं, तो आपका रिटर्न पूरी तरह फाइल नहीं होता. आपको टैक्स पोर्टल पर जाकर अपने ITR की जांच करी चाहिए. अगर वेरिफाई नहीं हो रहा है, तो आधार OTP, नेट बैंकिंग, या डीमैट अकाउंट के जरिए से तुरंत e-Verify करें.
बैंक खाते की गलत या अमान्य जानकारी
आपका रिफंड सीधे आपके बैंक अकाउंट में भेजा जाता है. अगर आपके ITR में दिए गए बैंक अकाउंट की जानकारी गलत है, या वह अकाउंट वेलिडेटिड नहीं है, तो रिफंड अटक सकता है. इसके लिए अपने अकाउंट को ‘Validate’करें और आईटीआर के साथ जोड़ें.
ITR की प्रोसेसिंग पेंडिंग होना
कई बार रिफंड में देरी केवल इसलिए होती है क्योंकि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने अभी तक आपके ITR को पूरी तरह से प्रोसेस नहीं किया है. ITR की प्रोसेसिंग आमतौर पर e-Verification के बाद शुरू होती है. अगर ‘Pending Processing’ है, तो आपको थोड़ा और इंतजार करना पड़ सकता है. इसके अलावा पैन-आधार का लिंक ना होना भी रिफंड रुकने का कारण हो सकता है.
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