Budget Session 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल का पहला आम बजट मंलवार, 23 जुलाई को पेश होगा. इससे पहले आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद के पटल पर आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया. सरकार से व्यक्तिगत टैक्स को कम करके या कंज्यूमर-सेंटर्ड क्षेत्रों पर खर्च बढ़ाकर एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में खपत को बढ़ावा देने की उम्मीद है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रोकरेज फर्मों ने कहा कि इससे कंज्यूमर्स गुड्स मेकर्स, रियल एस्टेट और हाउसिंग फाइनेंस फर्मों के साथ-साथ इन्फ्रा और ऑटो कंपनियों को फायदा हो सकता है, लेकिन कुछ क्षेत्रों को नुकसान भी हो सकता है.
ग्रामीण-संबंधित सेक्टर: सिटी के मुताबिक सरकार द्वारा खपत को बढ़ावा देने के लिए ग्रामीण योजनाओं के लिए अधिक धन आवंटित किए जाने की उम्मीद है. इससे हिंदुस्तान यूनिलीवर जैसी एफएमसीजी कंपनियों और टीवीएस मोटर हीरो मोटोकॉर्प जैसी दोपहिया वाहन निर्माताओं को फायदा मिल सकता है. जेफरी के मुताबिक टुबैको टैक्स में 5-7 प्रतिशत से कम की वृद्धि देश की सबसे बड़ी सिगरेट निर्माता कंपनी आईटीसी के लिए पॉजिटिव हो सकती है.
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रियल एस्टेट- सिटी ने कहा है कि सरकार किफायती आवास के लिए अधिक धन आवंटित कर सकती है, जिससे मैक्रोटेक डेवलपर्स और सनटेक रियलटी जैसे डेवलपर्स को लाभ होगा. इसके अलावा जेफरी ने कहा है कि शहरी आवास के लिए ब्याज सब्सिडी योजना की शुरुआत से आवास फाइनेंसर्स और होम फर्स्ट फाइनेंस जैसे कंपनियों को बढ़ावा मिलेगा.
ऑटोमेकर- भारत ने इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने के लिए पांच वर्षों में 115 अरब रुपये की सब्सिडी दी है और मैक्वेरी को उम्मीद है कि सरकार अपनी लेटेस्ट स्कीम में क्वांटम और टेन्योर दोनों को बरकार रखेगी. इससे भारती टॉप ई-कार निर्माता मोटर्स के साथ-साथ आईपीओ- बाउंड ई-स्कूटर निर्माता ओले एलेक्ट्रिक और ई-बस निर्माता ओलेक्ट्रा ग्रीनटेक और जेबीएम ऑटो को फायदा हो सकता है.
इसके उलट उम्मीद से कम ईवी सब्सिडी से भारत की सबसे अधिक बिकने वाली कार निर्माता मारुति सुजुकी को लाभ हो सकता है, जिसने शुद्ध ईवी के बजाय हाइब्रिड कार बनाने का विकल्प चुना है.
मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर- एचएसबीसी के अनुसार प्रोडक्शन-लिंक्ड प्रोत्साहन योजनाओं पर जोर जारी रहने की उम्मीद है, जो लोकल मैन्युफैक्चरिंग को प्रोत्साहित करती हैं और रोजगार पैदा करती हैं. इससे डिक्सन टेक्नोलॉजीज,आइडियाफोर्ज टेक्नोलॉजी, बायोकॉन जैसे प्रद्योगिक हार्डवेयर, दूरसंचार उपकरण, इलेक्ट्रानिक्स और चिकित्सा उपकरणों के निर्माताओं को मदद मिलेगी. जेफरी के अनुसार, लार्सन एंड टूर्बो जैसी कैपिटल गुड्स कंपनियों और इन्फ्रा फर्मों को बजट में पूंजीगत खर्च में संभावित वृद्धि से लाग हो सकता है.
ट्रेडिंग- मॉर्गन स्टेनली ने कहा कि कैपिटल गेन टैक्स में कोई भी बदलाव चाहे- होल्डिंग अवधि बढ़ाई जाए या टैक्स रेट इक्विटी के लिए नुकसानदेह हो सकता है, हालांकि ऐसे कदम उठाने की संभावना नहीं है. लेकिन अगर इसे लागू किया जाता है, तो इससे इक्विटी और म्यूचूअल फंड निवेशकों पर कर का बोझ बढ़ जाएगा, जिससे उन्हें अन्य एसेट क्लास में निवेशकों की तुलना में मिलने वाला टैक्स बेनीफिट्स खत्म हो जाएगा. इससे ट्रेडिंग वॉल्यूम भी कम हो सकता है, जिसका असर मोतीलाल ओसवाल, आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज, एंजेल वन, 5 पैसा जैसी ब्रोकरेज कंपनियों पर पड़ सकता है.