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Lok sabha Election 2024: AIMIM के यूपी में लोकसभा चुनाव लड़ने के ऐलान से बढ़ सकती है सपा-कांग्रेस की टेंशन! ये है बड़ी वजह

Lok sabha Election 2024

AIMIM के यूपी में लोकसभा चुनाव लड़ने के ऐलान से बढ़ सकती है सपा-कांग्रेस की टेंशन!

Lok sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव को लेकर उत्तर प्रदेश में सरगर्मी बढ़ी हुई है. एक तरफ, भारतीय जनता पार्टी सूबे की 80 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज करने का दावा ठोक रही है. दूसरी तरफ कांग्रेस के साथ गठबंधन के बाद समाजवादी पार्टी भी सभी सीटों पर जीत के दावे कर रही है. दोनों तरफ से किए जा रहे दावों के बीच अब हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM भी उत्तर प्रदेश में अपने उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रही है. लेकिन ओवैसी की पार्टी की यह रणनीति समाजवादी पार्टी के लिए परेशानी का सबब बन सकती है.

AIMIM ने मुस्लिम बहुल सीटों पर ठोकी दावेदारी

दरअसल AIMIM के नेता सैय्यद असीम वकार ने कहा है कि उनकी पार्टी यूपी की कई सीटों पर प्रत्याशी उतारने पर विचार करने जा रही है. असीम वकार के अपने बयान में जिन सीटों का जिक्र किया, उन सभी सीटों पर मुस्लिम मतदाता अच्छी खासी संख्या में हैं. असीम वकार ने कहा कि इंडिया गठबंधन के द्वारा जिस तरह लगातार AIMIM के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है और हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष ओवैसी साहब के लिए नफरत दिखाई जा रही है. हम अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ लगातार विचार विमर्श कर रहे हैं और तीन राउंड की बातचीत हो चुकी है. हम मुरादाबाद, फिरोजाबाद, संभल, बदायूं, अमरोहा, मेरठ और आजमगढ़ लोकसभा सीटों पर प्रत्याशी उतारने का विचार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इनके अलावा भी AIMIM कई अन्य सीटों पर भी प्रत्याशी उतार सकती है.

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AIMIM ने 2022 में 7 सीटों पर पलटी थी बाजी

बताते चलें कि साल 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में AIMIM सपा की 7 सीटों पर हार की बड़ी वजह बनी. इनमें बिजनौर, नकुर, कुर्सी, सुल्तानपुर, मुरादाबाद नगर, औराई और शाहगंज की सीटें शामिल थी. इन सीटों पर AIMIM के उम्मीदवारों को मिले वोटों की संख्या हार-जीत के अंतर से ज्यादा थे. अगर इन सीटों पर एआईएमआईएम के उम्मीदवार नहीं होते तो शायद बाजी सपा के पाले में पलट सकती थी. हालांकि ओवैसी की पार्टी ने विधानसभा चुनाव में 103 प्रत्याशियों को मैदान में उतारा था. इनमें से एक भी उम्मीदवार जीत दर्ज करने में सफल नहीं हुए. वहीं 2017 के चुनावों में मिले वोटों से तुलना करें तो 2022 में AIMIM को मिले वोट शेयर भी बढ़े हैं. ओवैसी की पार्टी को 2017 में 0.24 फीसदी वोट मिले थे, वहीं 2022 में यह बढ़कर 0.49 फीसदी हो गया. ऐसे में AIMIM आगामी विधानसभा चुनाव में सपा-कांग्रेस का खेल बिगाड़ सकती है.

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