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Sambhal Violence: हिंसा भड़कते देख भाग गए थे जफर अली, FIR में दावा- जान से मारने की नीयत से पुलिस पर चली थी गोलियां

Jama Masjid Violence

जामा मस्जिद जाने वाले सभी रास्तों पर बैरिकेडिंग लगी हुई है.

Sambhal Violence: रविवार को उत्तर प्रदेश के संभल में हुए हिंसा को आज तीन दिन हो गए हैं. हिंसा के बाद आज स्कूल खोल दिए गए हैं. हालांकि, इंटरनेट को आज भी बंद रखा गया है. पूरे शहर में RAF पुलिस फोर्स की तैनाती हुई है. जामा मस्जिद जाने वाले सभी रास्तों पर बैरिकेडिंग लगी हुई है.

संभल के शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान भड़की हिंसा में चार लोगों की मौत हुई है. दर्जन भर से अधिक अधिकारी सहित पुलिसवाले घायल हुए हैं. कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया. हालात ऐसे हो गए कि शहर में इंटरनेट बंद करना पड़ा पूरे शहर को छावनी में तब्दील कर दिया गया.

पुलिस लगातार छापेमारी कर उपद्रवियों को पकड़ रही है.सोमवार को पुलिस ने जमा मस्जिद के सदर जफर अली को हिरासत में लिया था, लेकिन पूछताछ के बाद पुलिस ने उससे छोड़ दिया. वहीं, हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर को धमकी देने की खबरें सामने आ रही है. उन्होंने दावा किया कि उन्हें बार-बार धमकी दी जा रही है. सोशल मीडिया पर उनकी मां को गाली दी जा रही है.

FIR में सपा सांसद का भी नाम

पुलिस की FIR में समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल का नाम शामिल है. पुलिस ने FIR में आरोप लगाया है कि इन्होंने राजनीतिक लाभ के लिए भीड़ को भड़काया और सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ा. FIR में पुलिस ने यह भी लिखा है कि रविवार, 24 नवंबर को सर्वे के दौरान हुई हिंसा में इक्कठा हुई भीड़ में ये भी शामिल थे.

सपा की टीम संभल जाएगी

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पार्टी का एक प्रतिनिधि मंडल संभल भेजने का फैसला लिया है. अखिलेश की इस टीम में 12 लोग शामिल हैं। संभल सांसद जियाउर्रहमान बर्क भी टीम में हैं. उन पर पुलिस ने हिंसा भड़काने का केस भी दर्ज किया है.

तमंचे की गोली लगने से हुई मौत

इधर, संभल SP कृष्ण बिश्नोई ने कहा कि हमने जफर अली को हिरासत में नहीं लिया था. उसे बातचीत के लिए कोतवाली ले जाया गया था. हिंसा के दौरान पथराव और फायरिंग में 4 लोगों की मौत पर कमिश्नर ऑन्जनेय सिंह ने दावा किया है कि किसी की मौत पुलिस की गोली से नहीं हुई है. पोस्टमॉर्टम में देशी तमंचे की गोली लगने से मौत की पुष्टि हुई है. एक को पीठ पर और 3 को सीने पर गोली लगी थी.

पुलिस की FIR में बड़े खुलासे

संभल हिंसा में पुलिस ने आधे दर्जन से अधिक FIR दर्ज किया है. हिंसा में दर्ज की गई पुलिस की FIR में चौकाने वाले खुलासे हुए है. FIR के मुताबिक, भीड़ ने सोची समझी साजिश के तहत पुलिस पर पत्थरबाजी शुरू की थी. इतना ही नहीं जान से मारने की नीयत से भी पुलिस पर गोली चलाई गई थी. हिंसा में शामिल दंगाइयों ने पुलिसकर्मी की 9 MM की मैगजीन तक लूट ली और पिस्टल छीनने की भी कोशिश की गई थी.

संभल बवाल मामले में पुलिस ने जो FIR दर्ज की है उस मुताबिक, हिंसक भीड़ ने कई CCTV को तोड़ डाला था. उपद्रवियों ने पुलिसवालों की पिस्टल छीनने की कोशिश की. आखिर में सरकारी 9 MM की मैगजीन लूट ले गए, जिसमें 10 राउंड गोलियां थीं.

पहले CCTV तोड़ा फिर शुरू किया हमला

पुलिस की FIR- रविवार दोपहर 12:35 संभल के नखासा चौक पर 150-200 लोगों की भीड़ ने सबसे पहले CCTV कैमरों को तोड़ा. फिर भीड़ ने हॉकी, डंडों और पत्थरों से पुलिस पर हमला करना शुरू कर दिया. भीड़ में शामिल गुलबदीन, सुल्तान, हसन, मुन्ना पुत्र जब्बार, फैजान, समद आदि के साथ सैकड़ों की संख्या में अज्ञात भीड़ ने पुलिसकर्मियों पर जान से मारने की नीयत से हमला किया, फिर पुलिस की गाड़ी में आग लगा दिया गया.

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पुलिस की FIR- हिंसक भीड़ ने बवाल के बीच सब इंस्पेक्टर की सरकारी पिस्टल छीनने की कोशिश की. सब इंस्पेक्टर ने पिस्टल नहीं छोड़ी तो पिस्टल की मैगजीन लूट कर वह भाग गए. इस बीच भीड़ लगातार पुलिस वालों पर जान से मारने की नियत से फायरिंग करती रही. वहीं, सर्वे टीम मस्जिद में फंसी हुई थी, जिसके साथ भीड़ कुछ भी कर सकती थी, इसलिए एक्स्ट्रा फोर्स बुलानी पड़ी.

हिंसक भीड़ ने पुलिस के छोड़े आंसू गैस के गोले भी लूट ले गई. भीड़ में मौजूद उपद्रवी लगातार चिल्लाकर कह रहे थे कि इन पुलिस वालों से सारे हथियार कारतूस छीन लो, इनको आग लगाकर मार दो, कोई भी बचकर ना जाने पाए हम अपनी मस्जिद में सर्वे नहीं होने देंगे.’

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