Hathras Stampede: उत्तर प्रदेश के हाथरस में सूरजपाल जाटव उर्फ भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ मचने से 120 से अधिक लोगों की मौत हो गई. वहीं, हादसे में दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं, उनका अस्पताल में इलाज जारी है. शुक्रवार को अलीगढ़ के दीनदयाल अस्पताल में घायलों को भोले बाबा के वकील एपी सिंह देखने पहुंचे. इस दौरान उन्होंने बताया कि बाबा उत्तर प्रदेश में हैं और एसआईटी जांच पर उन्हें पूरा भरोसा है.
एपी सिंह ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, “हादसे के बाद से जैसा पुलिस कह रही है, बाबा वैसा ही कर रहे हैं. वह कभी कहीं भागेंगे नहीं. कभी किसी बॉर्डर पर नहीं मिलेंगे. वो इसी देश और इसी उत्तर प्रदेश में हैं. बाबा को एसआईटी की जांच पर पूरा भरोसा है.”
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पत्रकारों ने जब पूछा कि क्या भोले बाबा की चरण रज पाने की कोशिश में लोग कुचलकर मर गए? इसके जवाब में एपी सिंह ने कहा, “बाबा किसी को अपने पैर छूने तक की इजाजत नहीं देते तो चरण रज (धूलि) लेने की बात ही पैदा नहीं होती. वो किसी के घर भोजन भी नहीं करते. अपने वीआरएस के पैसों से खर्चा चलाते हैं. कभी किसी से दान-दक्षिणा और चढ़ावा नहीं लेते हैं.”
गौरतलब है कि हाथरस के सिकंदराराऊ अंतर्गत फुलरई गांव में मंगलवार को नारायण साकार हरि उर्फ ‘भोले बाबा’ के संगठन की ओर से सत्संग का आयोजन किया गया था. इसी दौरान भगदड़ मचने से हादसा हुआ और 121 श्रद्धालुओं की मौत हो गई. घटना के बाद से बाबा फरार चल रहे हैं.
अब तक पुलिस ने की है ये कार्रवाई
उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस मामले में बाबा के मुख्य सेवादार प्रकाश मधुकर और आयोजकों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि अभी तक बाबा के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की गई है. पुलिस ने साकार हरि के छह करीबियों को गिरफ्तार किया गया है. इनमें चार पुरुष और दो महिलाएं शामिल हैं. एक अधिकारी ने बताया कि ये सभी आयोजन समिति के सदस्य हैं और सेवादार के रूप में काम करते थे. अभी मुख्य आयोजक प्रकाश मधुकर की तलाश जारी है. उस पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया है. वहीं, भोले बाबा ने बयान जारी करते हुए घटना को लेकर दुख व्यक्त किया है और दावा किया कि असामाजिक तत्वों द्वारा भगदड़ मचाई गई.