Banda District Hospital: यूपी के बांदा जिला अस्पताल से एक ऐसी घटना सामने आई है, जो अब चर्चा का विषय बन चुका है. दरअसल, यहां एक डॉक्टर ने मृत व्यक्ति के ब्लड टेस्ट और सीटी स्कैन जांचे लिख दी. मृतक के परिजनों ने जब इसका विरोध करते हुए हंगामा शुरू किया तो डॉक्टर पर्चा को फाड़ते हुए अस्पताल से फरार हो गया. परिजनों की शिकायत पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और इस घटना की में जांच के आदेश दिए हैं. सीएमओ ने कहा कि तीन दिन में जांच रिपोर्ट आने पर संबंधित डॉक्टर के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा.
बताते चलें के ये पूरी घटना उत्तर प्रदेस के बांदा जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर का है. जहां बदौसा क्षेत्र दुबरिया इलाके में रहने वाले 82 वर्षीय भोला पाल की सोमवार सुबह अचानक तबीयत खराब हो गई. इसके बाद परिजनों ने उन्हें स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती करवाया. प्राथमिक उपचार के बाद वहां से मरीज को जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया. परिजन मरीज की बेहतर इलाज के लिए जिला अस्पताल लेकर पहुंचे ही थे की उनकी मौत हो गई.
चेकअप के बाद डॉक्टर ने लिखी जांच
मामले की जानकारी देते हुए परिजनों ने बताया कि डॉक्टर ने चेकअप किया और तुरंत ब्लड टेस्ट और सीटी स्कैन की जांच लिख दी, जबकि हमने उन्हें बताया कि मरीज की मौत हो चुकी है. इतना ही नहीं परिजनों ने आगे आरोप लगाया कि जांच लिखने के बाद तुरंत प्राइवेट एम्बुलेंस आ गई और कर्मचारी शव को उठाकर एम्बुलेंस में ले जाने लगे. इसी बात को लेकर परिजन हंगामा करने लगे, जिसकी सूचना पर स्वास्थ्य विभाग के अफसर मौके पर पहुंच गए.
परिजनों ने कमीशन खोरी का लगाया आरोप
परिजनों ने यह भी कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर सरकार बिलकुल फिक्रमंद है, लेकिन सरकारी अस्पताल में डॉक्टर मरीज के परिजनों से उगाही का काम कर रहे हैं. मौत की जानकारी के बावजूद भी कमीशन खोरी के लिए डॉक्टर ने हजारों की जांच लिख दी, जो कि बाहर से किसी प्राइवेट लैब से करानी थी. परिजनों का आरोप है कि जब उन्होंने डॉक्टर से पर्चा मांगा तो उनको पर्चा भी नही दिया और धमकी देते हुए भगा दिया. फिलहाल, मृतक मरीज के परिजनों ने सरकार से कार्रवाई की मांग की है.
वहीं, घटना की सूचना के बाद बांदा के सीएमओ डॉक्टर अनिल कुमार मौके पर पहुंचे. उन्होंने बताया कि इस मामले उन्होंंने परिजनों से बात की है. उनकी शिकायत के आधार पर एक जांच कमेटी बनाई गई है. 3 दिन में जांच रिपोर्ट आएगी, जिसके बाद संबंधित के खिलाफ कार्रवाई होगी.