Yogi Cabinet: उत्तर प्रदेश में बहुप्रतीक्षित मंत्रिमंडल का विस्तार कर दिया गया है. योगी कैबिनेट का विस्तार करते हुए चर्चित नेता ओम प्रकाश राजभर, दारा सिंह चौहान, आरएलडी के विधायक अनिल कुमार और भाजपा विधायक सुनील कुमार शर्मा को शामिल किया गया है. लोकसभा चुनाव से हुए इस मंत्रिमंडल विस्तार में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्व से लेकर पश्चिमी यूपी तक के सभी क्षेत्रों का खास ख्याल रखा है. बता दें कि उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा लोकसभा सीटें हैं. इन सीटों को साधने के लिए राज्य की सत्तारूढ़ BJP ने सियासी बिसात बिछा दिया है.
अनिल कुमार
अनिल कुमार दलित समुदाय ताल्लुक रखते हैं और मुजफ्फरनगर इलाके का बड़ा नाम हैं. 3 बार के विधायक ने 2007 में पहली बार वह BSP के टिकट पर विधायक चुने गए. इसके बाद वह 2012 में भी बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर विधायक चुने गए. बाद में अनिल कुमार आरएलडी में शामिल हो गए. अब गठबंधन के तहत अनिल कुमार को मंत्री बनाया गया है. बता दें कि यूपी में 20 फीसदी दलित आबादी है. इसी दलित समीकरण को साधने ले लिए BJP ने प्रयास किया है.
ओम प्रकाश राजभर
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के प्रमुख ओमप्रकाश राजभर यूपी के बड़े चर्चित नेता हैं. ओम प्रकाश राजभर 2017 में भी योगी कैबिनेट में शामिल थे लेकिन 2 साल बाद उन्होंने जाति जनगणना के मुद्दे पर इस्तीफा दे दिया और सपा के साथ जुड़ गए. प्रदेश में राजभर समाज का वोट शेयर करीब 2.5 प्रतिशत है, लेकिन पूर्वांचल के कुछ जिलों में यह आबादी 18 से 20 फीसदी तक है. ऐसे में ओपी राजभर को मंत्रिमंडल में शामिल कर बीजेपी ने राजभर वोट को अपने साथ रखने का प्रयास किया है.
सुनील शर्मा
सुनील शर्मा को बीजेपी का बड़ा ब्राह्मण नेता माना जाता है. वह साहिबाबाद से विधायक हैं. बता दें कि 2017 और 2022 दोनों विधानसभा चुनाव में उन्होंने प्रदेश में सबसे अधिक वोटों से जीतने का रिकॉर्ड अपने नाम किया है. सुनील शर्मा हमेशा के संगठन में सक्रिय रहे हैं और AVBP के साथ भी काम कर चुके हैं. सुनील शर्मा राम मंदिर आंदोलन के दौरान भी जुड़े हुए थे. यूपी में करीब 10 फीसदी ब्राह्मणों की आबादी है, ऐसे में उन्हें मंत्री बनाकर सरकार ने ब्राह्मणों को बड़ा संदेश देने का प्रयास किया है.
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दारा सिंह चौहान
दारा सिंह चौहान यूपी के चर्चित ओबीसी नेता हैं. वह तीन बार सांसद भी रह चुके हैं. इससे पहले वह सपा और बसपा में भी रह चुके हैं. सबसे पहले उन्हें सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने पार्टी के टिकट पर 1996 में राज्यसभा भेजा. उसके बाद 2000 में उन्हें फिर से मुलायम सिंह ने राज्यसभा भेजा. इसके बाद उन्होंने पार्टी छोड़ दी और बहुजन समाज पार्टी ने 2009 में घोसी से लोकसभा का टिकट दिया. उन्होंने जीत हासिल कर लोकसभा पहुंचे. अब यूपी मंत्रिमंडल में शामिल कर ओबीसी वोट बैंक को साधने का प्रयास किया है.