Ram Mandir: यूपी बजट सत्र के दौरान राम मंदिर धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया गया. सपा के 108 में से 14 विधायकों ने इस प्रस्ताव का विरोध किया. बीजेपी ने इसे आड़े हाथ ले लिया है. बीजेपी उन सभी 14 विधायकों के नाम को सार्वजनिक करने की मांग कर रही है. दरअसल राम मंदिर के निर्माण पर सरकार की ओर से यूपी विधानसभा में बधाई प्रस्ताव पेश किया गया था. इस प्रस्ताव पर समाजवादी पार्टी के विधायकों की ओर से आवाज लगाई गई की यह जबरदस्ती की बधाई है. इस पर विधानसभा स्पीकर सतीश महाना ने उनसे कहा कि कोई जबरदस्ती नहीं है, जो सहमत हैं, सिर्फ वही बधाई दें. प्रस्ताव पेश होने के बाद सपा के 14 सदस्यों ने विरोध जताते हुए हाथ नहीं उठाया.
शलभमणि त्रिपाठी सपा पर जमकर बरसे
बताते चलें कि यूपी बजट सत्र के तीसरे दिन 5 फरवरी को सदन में बीजेपी विधायक डॉ. शलभमणि त्रिपाठी ने सपा पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा, ‘राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा का आमंत्रण आप को भी मिला था, लेकिन आप अयोध्या नहीं गए. मैं बहुत हैरान हुआ कि आप भगवान राम के आमंत्रण पर अयोध्या नहीं गए. आपने भगवान राम के वजूद को नकार दिया. आपके लिए पश्चाताप का यह आखिरी मौका था. जब सदन में भगवान राम के नाम पर बधाई प्रस्ताव पेश किया जा रहा था तब आप लोग चुप भी रह सकते थे लेकिन आपने इसका विरोध शुरू कर दिया. मैं विधानसभा स्पीकर से मांग करता हूं कि उन 14 सपा नेताओं के नाम सार्वजनिक करें जिन्होंने भगवान राम के नाम के बधाई प्रस्ताव का विरोध किया.’
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राम मंदिर के नाम पर सपा 2 फाड़
बीजेपी इस पूरे मूद्दे को जनता के सामने रखना चाहती है. ताकि लोगों को पता चल सके कि सपा ने राम मंदिर के उद्घाटन का ही नहीं बल्कि धन्यवाद प्रस्ताव पर भी विरोध किया. खबर यह भी है कि राम मंदिर के नाम पर सपा 2 फाड़ हो चुकी है. धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान सपा के 111 और रालोद के 8 विधायक सदन में मौजूद रहे. प्रस्ताव पर सपा के 97 विधायकों ने सरकार का समर्थन किया. वहीं 14 विधायकों ने प्रस्ताव पर विरोध जताते हुए हाथ ऊपर नहीं किया. रालोद के विधायकों ने भी योगी सरकार का समर्थन किया. विरोध तेज होने पर 14 विधायकों में से एक स्वामी ओमवेश ने अपना विरोध वापस ले लिया है. बता दें कि यह विरोध लालजी वर्मा के नेतृत्व में किया गया था.