UP Politics: आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी ने इंडिया गठबंधन और समाजवादी पार्टी का साथ छोड़कर बीजेपी के साथ जाने के स्पष्ट संकेत दे दिए हैं. उन्होंने बीते दिनों पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने का ऐलान किए जाने के बाद उन्होंने बीजेपी के साथ दिल लगाने की बात कह दी थी. लेकिन तमाम राजनीतिक घटनाक्रमों के करीब 15 दिन बाद भी दोनों दलों के गठबंधन की तस्वीर साफ नहीं हो पाई है.
दरअसल, इस गठबंधन के होने से पश्चिम यूपी में एनडीए के जनाधर को और मजबूती मिलेगी. लेकिन अभी भी आरएलडी के तमाम समर्थक इंतजार कर रहे हैं कि कब सीटों की गुत्थी सुलझे. इसकी एक वजह पश्चिमी यूपी की बागपत सीट है. इस सीट पर बीजेपी बीते दो चुनावों से जीत दर्ज करती रही है. अब इसी सीट को लेकर चौधरी चरण सिंह और आरएलडी के समर्थक असमंजस की स्थिति में बने हुए हैं.
दो चुनाव जीत चुके हैं सत्यपाल सिंह
एक ओर बीजेपी के समर्थकों कह रहे हैं, ‘लहर बड़ी करारी है, हमारा सत्यपाल सब पर भारी हैं.’ इस सीट पर सत्यपाल सिंह बीते दो चुनावों से चौधरी परिवार के खिलाफ जीत दर्ज करते रहे हैं. लेकिन सूत्रों की माने तो आरएलडी से साथ गठबंधन में दो सीटों पर हुआ है. बागपत सीट के साथ ही एक और सीट गठबंधन में दी जानी है. लेकिन अभी तक औपचारिक ऐलान नहीं होने से मामला फंसा हुआ नजर आ रहा है.
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गौरतलब है कि बीते दो चुनावों पर नजर डालें तो मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर सत्यपाल सिंह ने यहां जीत दर्ज की है. बीते 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने चौधरी परिवार के खिलाफ लड़ते हुए ही 23 हजार से ज्यादा के अंतर से चुनाव जीता था. जबकि उससे पहले 2014 में बीजेपी सांसद जयंत चौधरी के पिता अजित चौधरी को हराकर चुनाव में जीत दर्ज की थी. ऐसे में बीजेपी के कार्यकर्ता भी लगातार इस सीट पर पार्टी का दावा कर रहे हैं.