CM Yogi Adityanath On Bangladesh Crisis:विभाजन विभीषिका दिवस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जो 1947 में हुआ, वो बांग्लादेश में हो रहा है. बांग्लादेश के हिंदुओं के लिए कोई नहीं बोल रहा है. डेढ़ करोड़ हिंदू चिल्ला-चिल्ला कर अपनी स्मिता को बचाने की गुहार लगा रहे हैं. कथित सेकुलर लोगों के मुंह पर ताले लगे हैं. क्योंकि उनको भय है कि अगर इन कमजोर लोगों के पक्ष में आवाज निकाली तो इनका वोट बैंक निकल जायेगा. वोट बैंक की चिंता है लेकिन मानवता इनकी मर चुकी है. आजादी के बाद इसी प्रकार की राजनीति को प्रेरित किया. ये लोग बांटो और राज करो की नीति पर काम करते रहे.
सीएम योगी ने कहा कि पाकिस्तान की कोई वास्तविकता नहीं है. पाकिस्तान का या तो भारत में विलय होगा या हमेशा के लिए पाकिस्तान समाप्त होगा. पूर्वी पाकिस्तान कहे जाने वाला आज के बांग्लादेश में वही हो रहा है जो देश बंटवारे के समय हुआ था. उस समय लाखों हिंदुओं को निशाना बनाया गया था. आज भी आगजनी, मंदिरों में तोड़फोड़, लूटपाट, बहन और बेटियों के साथ अत्याचार बांग्लादेश में हो रहा है.
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सीएम योगी का कांग्रेस पर हमला
सीएम योगी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने अलगाववाद को बढ़ावा दिया.सीएम ने कहा कि आज पूरा देश विभाजन की त्रासदी की स्मृति दिवस में एकत्र होकर के इतिहास के उन कल अध्यायों को स्मरण कर रहा है. इतिहास केवल अध्ययन का विषय नहीं होता है. वह एक प्रेरणा होती है. सीएम योगी ने आगे कहा कि आखिर क्या कारण था कि दुनिया का एक सनातन राष्ट्र हजारों हजार वर्ष से एक भारत रहा हो. वह भारत पहले गुलाम हुआ और विदेशिया विक्रांताओं के द्वारा यहां की परंपरा और संस्कृति को रौंदा गया और अपवित्र किया गया.
आजादी को लेकर देश के महान क्रांतिकारियों ने जिस लड़ाई को लड़ करके देश को स्वतंत्र कराया. जब देश स्वतंत्र हुआ तो विभाजन की त्रासदी का सामना करना पड़ा. जो कार्य इतिहास के किसी युग में नहीं हुआ. वह दुर्भाग्य से सत्ता के लालची कांग्रेस ने हम लोगों को दे दिया.
नेहरू को लेकर मुख्यमंत्री ने क्या कहा?
मुख्यमंत्री ने कहा कि 14 अगस्त को जब विभाजन की त्रासदी हो रही थी और 15 अगस्त को जब देश के अंदर तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के द्वारा भारत के तिरंगे को फहरा करके कांग्रेस के नेताओं के द्वारा देश के अंदर आजादी के जश्न को मनाने का काम किया जा रहा था. तब लाखों लोग अपने मातृभूमि को छोड़ने के लिए अपने परिवारों को छोड़ने के लिए मजबूर हो रहे थे.