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Hathras Stampede: हाथरस हादसे में CM योगी का बड़ा एक्शन, SIT की रिपोर्ट के बाद SDM-CO समेत 6 सस्पेंड

CM योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)

Hathras Stampede: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को हाथरस हादसे को लेकर एसआईटी की रिपोर्ट सामने आने के बाद बड़ा एक्शन लिया है. उन्होंने सिकंदरामऊ एसडीएम, सीओ व तहसीलदार समेत छह अधिकारियों को सस्‍पेंड कर दिया है. दो जुलाई को सूरजपाल जाटव उर्फ भोले बाबा के सत्संग में भगदड़ के बाद 121 लोगों की मौत हो गई थी.

‘वरिष्ठ अधिकारियों को नहीं दी जानकारी’

हाथरस हादसे को लेकर एसआईटी की रिपोर्ट सामने आने के बाद सरकार ने सिकंदरामऊ एसडीएम, सीओ व तहसीलदार समेत 6 अधिकारी सस्‍पेंड कर दिए हैं. बता दें कि रिपोर्ट में खास तौर पर कहा गया है कि स्थानीय पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारियों द्वारा आयोजन को गंभीरता से नहीं लिया गया और वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी समुचित जानकारी नहीं दी गई.

SIT ने 300 पन्नों की जांच रिपोर्ट सौंपी

घटना की जांच कर रही विशेष जांच दल (SIT) ने सरकार को करीब 300 पन्नों की जांच रिपोर्ट सौंपी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि सत्संग का आयोजन करने वाली समिति ने तय संख्या से अधिक लोगों को बुलाया और पर्याप्त व्यवस्था नहीं की. हालांकि इस रिपोर्ट में बाबा सूरजपाल का जिक्र नहीं है. रिपोर्ट में हाथरस के जिलाधिकारी आशीष कुमार, पुलिस अधीक्षक निपुण अग्रवाल से लेकर सत्संग की अनुमति देने वाले एसडीएम और सीओ सिकंदराराऊ तथा दो जुलाई को सत्संग की ड्यूटी में तैनात पुलिसकर्मियों के बयान शामिल हैं.

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इसके अलावा मृतकों के परिजनों और घायल श्रद्धालुओं के भी बयान दर्ज किए गए हैं. रिपोर्ट में खास तौर पर कहा गया है कि स्थानीय पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारियों ने आयोजन को गंभीरता से नहीं लिया. गौरतलब है कि हाथरस के सिकंदराराऊ अंतर्गत फुलरई गांव में मंगलवार (2 जुलाई) को सूरजपाल जाटव उर्फ भोले बाबा के संगठन की ओर से सत्संग का आयोजन किया गया था. इस दौरान भगदड़ मचने से 121 लोगों की जान चली गई थी. पुलिस ने मामले में बाबा के सात सेवादारों और सत्संग के आयोजकों को गिरफ्तार किया है.

न्यायिक हिरासत में मुख्य आरोपी

हाथरस भगदड़ के मुख्य आरोपी और बाबा के करीबी देव प्रकाश मधुकर को CJM कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. वहीं, हाथरस के पुलिस अधीक्षक निपुण अग्रवाल ने बताया कि मधुकर की दो भूमिकाएं सामने आई हैं. पहला कार्यक्रम का मुख्य आयोजक और दूसरा फंड मैनेजर यानी धन जुटाने वाला. जांच से पता चला है कि उससे कई राजनीतिक दलों ने कुछ समय पहले संपर्क किया था.

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