Sambhal Violence: उत्तर प्रदेश में संभल हिंसा के पीड़ितों से मिलने से पहले ही कांग्रेस और सपा के नेताओं को पुलिस ने रास्ते में रोक दिया है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल संभल जाने वाला था, लेकिन लखनऊ में कांग्रेस दफ्तर और नेताओं के घरों के बाहर भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया, जिससे उनका दौरा रुक गया.
अजय राय ने सरकार पर लगाए खामियां छिपाने के आरोप
अजय राय ने मीडिया से कहा कि पहले 30 नवंबर तक जनप्रतिनिधियों की यात्रा पर प्रतिबंध हटाने का वादा किया गया था, लेकिन अब इसे 10 दिसंबर तक बढ़ा दिया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए यह कदम उठा रही है. उन्होंने यह भी कहा, “हम शांति चाहते हैं, अगर हमें रोका गया तो हम गांधीवादी तरीके से शांतिपूर्वक विरोध करेंगे.”
सपा भी नहीं बची, पुलिस ने बीच रास्ते में रोका
इससे पहले, 30 नवंबर को समाजवादी पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल भी संभल जाने के लिए निकल पड़ा था, लेकिन पुलिस ने उन्हें भी रोक दिया. सपा के नेताओं का आरोप था कि वे शांति से जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें बलपूर्वक रोक लिया.
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अखिलेश यादव ने क्या कहा?
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार के इस कदम पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह लोकतंत्र में हस्तक्षेप है. उन्होंने कहा, “हमारे शांतिपूर्ण दौरे को रोककर सरकार ने अपनी तानाशाही का परिचय दिया है.” कांग्रेस और सपा के नेताओं का कहना है कि सरकार अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए इस प्रकार के कदम उठा रही है, जबकि सरकार इसे कानून-व्यवस्था बनाए रखने का उपाय बता रही है. इस घटनाक्रम ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में नई गर्मी पैदा कर दी है.