Vistaar NEWS

Delhi Air Crisis: गोपाल राय ने केंद्र को लिखी चिठ्ठी, दिल्ली में आर्टिफिशियल बारिश की मांग, कहा- यह मेडिकल इमरजेंसी

Artificial Rain in Delhi

दिल्ली में बढ़े प्रदूषण को कम करने के लिए आर्टिफिशियल रेन कराने को लेकर चिठ्ठी लिखी गई है.

Delhi Air Crisis: दिल्ली के लोग खतरनाक प्रदुषण में जहरीली सांस लेने के लिए मजबूर हैं. बढ़ती ठंड के साथ दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण का स्तर हर दिन बढ़ता जा रहा है. प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट लगातार सुनवाई कर रही है. अब इसी बीच दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने केंद्र को चिठ्ठी लिखी है. यह चिठ्ठी दिल्ली में बढ़े प्रदूषण को कम करने के लिए आर्टिफिशियल रेन कराने को लेकर लिखी गई है.

दिल्ली इस सीजन की सबसे प्रदूषित दिन से गुजर रहा है. दिल्ली समेत उत्तर भारत प्रदूषण के कहर से जूझ रहा है. ऐसे में हालात बेहद गंभीर हैं. इसी को ठीक करने के लिए दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कृत्रिम बारिश यानी आर्टिफिशियल रेन के लिए केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखी है.

 

आर्टिफिशियल रेन की मांग

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने आर्टिफिशियल रेन के लिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को चिट्ठी लिखी है. इस चिट्ठी में उन्होंने कहा है कि दिल्ली में प्रदूषण बेहद गंभीर श्रेणी में है और इससे निपटने के लिए यहां आर्टिफिशियल रेन करना बेहद जरुरी है. राय ने अपनी चिठ्ठी में यह भी कहा है कि उत्तर भारत इस वक्त धुंध कीचडर ओढ़े हुए है.

राय ने केंद्र से कहा कि आर्टिफिशियल रेन ही इस धुंध और प्रदूषण से दिल्ली के लोगों को राहत पहुंचा सकता है. मंत्री गोपाल राय ने दिल्ली एनसीआर के हालात को मेडिकल इमरजेंसी बताया है.

यह भी पढ़ें: सुप्रीम कोर्ट और इलाहाबाद हाईकोर्ट को उड़ाने की धमकी, वॉट्सऐप पर पाकिस्तान से आया थ्रेट मैसेज

PM करें हस्तक्षेप- मंत्री गोपाल राय

मंत्री गोपाल राय ने अपनी चिठ्ठी में प्रधानमंत्री मोदी से हस्तक्षेप करने की भी मांग की है. उनका कहना है कि दिल्ली में प्रदूषण को लेकर राजनीति की जा रही है. केंद्र सरकार क्लाउड सीडिंग पर बैठक नहीं कर रही है. ऑड ईवन पर चर्चा जारी है. केंद्र जल्दी इस पर बैठक करे. दिल्ली सरकार की अपील पर ध्यान नहीं दिया गया.

गोपाल राय ने बताया है कि उन्होंने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को प्रदूषण को लेकर चार पत्र लिखे थे. अगस्त, सितंबर, अक्टूबर और 19 नवंबर को चार पत्र लिखे गए थे. लेकिन इसके बावजूद केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने आर्टिफिशियल रेन पर एक भी बैठक नहीं बुलाई.

Exit mobile version