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पिता करते हैं मजदूरी… रहने को घर नहीं, कड़ी मेहनत की बदौलत तीसरे प्रयास में पवन ने क्रैक किया UPSC Exam

UPSC CSE Result 2023

बुलंदशहर के पवन कुमार ने क्रैक किया यूपीएसी

UPSC CSE 2023 Result: संघ लोक सेवा आयोग ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा का फाइनल रिजल्ट मंगलवार को जारी कर दिया है. इस परीक्षा में लखनऊ के रहने वाले आदित्य श्रीवास्तव ने ऑल इंडिया रैंक 1 हासिल कर टॉप किया है. वहीं दूसरे स्थान पर अनिमेष प्रधान हैं. इस बार दस टॉपर्स की लिस्ट में कुल 4 लड़कियों ने अपनी जगह बनाई है. आयोग द्वारा रिजल्ट जारी होने के बाद से ही देशभर में इसकी चर्चा है. इस बार ऐसे कई प्रतिभागियों ने यूपीएससी क्रैक किया है, जिसके नाम पर काफी चर्चा हो रही है.

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के रहने वाले पवन कुमार ने भी यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा को क्रैक किया है. आयोग द्वारा जारी किए गए उतीर्ण उम्मीदवारों के लिस्ट में इनका भी नाम शामिल हैं. पवन कुमरा को ऑल इंडिया रैंक 239 प्राप्त हुआ है. बता दें कि इनके लिए ये परीक्षा पास करना मिल का पत्थर जैसा रहा है. पवन के पिता एक मजदूर हैं और उनके मजदूरी के बदौलत उनका परिवार का भरण पोषण होता रहा है. इस परिस्थिति में रहते हुए भी पवन ने वो कर दिखाया, जो शायद कई लोग सोच भी नहीं सकते.

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तीसरे प्रयास में पवन को मिली सफलता 

देश के सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक यूपीएससी में पास होने के बाद पवन कुमार ने बताया, “यह मेरा तीसरा प्रयास था. मेरी सफलता में मेरे परिवार का बहुत बड़ा योगदान है…परीक्षा कठिन है और पाठ्यक्रम बहुत बड़ा है, लेकिन ये असंभव नहीं है. कोचिंग लेना भी जरूरी नहीं है. मेरे परिवार के हालत ऐसी नहीं थे कि मैं महंगी कोचिंग ले पाऊं. मैंने ज्यादातर सेल्फ स्टडी की थी…दृढ़ता बहुत महत्वपूर्ण है.”

 

बुलंदशहर जिले के गांव रघुनाथपुर के रहने वाले एक पवन कुमार ऐसे ही नौजवान हैं . जिनका परिवार एक जर्जर से कच्चे मकान में रहता है. लेकिन एक किसान के बेटे पवन ने जी तोड़ मेहनत करके करके अपना और पूरे परिवार का सपना साकार कर दिया है.

हम मेहनत मज़दूरी करके यहां तक पहुंचे हैं

वहीं बेटे पवन कुमार के यूपीएससी 2023 परीक्षा उत्तीर्ण करने पर उनकी मां सुमन देवी ने बताया, “अच्छी बात है कि आज यहां तक आ गए हैं. हमारे छप्पर से बारिश में पानी गिरता है. बहुत परेशानी होती है… हम मेहनत मज़दूरी करके यहां तक पहुंचे हैं…पवन भी यहीं पढ़ाई करता था.”

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