UP News: सपा विधायक इरफान सोलंकी और उनके करीबियों के आवास पर ईडी ने छापा मारा है. गुरुवार की सुबह-सुबह छह वाहनों से ईडी के अधिकारियों ने पहुंचकर जांच शुरू की. सभी लोगों के मोबाइल जब्त कर लिए गए हैं. इडी उनके भाई अरशद से भी पूछताछ कर रही है. इरफान सोलंकी इस समय महाराजगंज जेल में बंद हैं. उनके खिलाफ 14 मार्च को आगजनी और आचार संहिता उल्लंघन के मुकदमे में फैसला आना है.
सपा विधायक इरफान सोलंकी समेत तीन लोगों के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन के मुकदमे का भी फैसला होने वाला है. अभियोजन के उच्च न्यायालय में निगरानी अर्जी दाखिल करने के कारण फैसला नहीं हो सका. अब इस मामले की अगली सुनवाई 14 मार्च को न्यायालय में होगा. उसी दिन इरफान के खिलाफ आगजनी के मुकदमे का फैसला हो सकता है.
सोलंकी के खिलाफ 17 मामले दर्ज
इरफान सोलंकी पर एक महिला द्वारा जमीन पर कब्जा करने का प्रयास करने का आरोप लगाने के बाद वह पिछले एक साल से जेल में बंद हैं. सोलंकी के खिलाफ अब तक 17 मामले दर्ज हो चुके हैं. इससे पहले सोलंकी ने राज्यसभा चुनाव के दौरान वोट डालने के लिए अर्जी दाखिल की थी. हालांकि, कोर्ट ने उनकी अर्जी खारिज कर दी थी. इस साल जनवरी में, जब भाजपा ने 2018 सियाना हिंसा के आरोपी को बुलंदशहर जोनल अध्यक्ष नियुक्त किया तो समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि उनकी पार्टी को न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है, लेकिन सरकार पर नहीं. उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उनकी पार्टी के आजम खान, इरफान सोलंकी और रमाकांत यादव जैसे नेताओं को भी अदालत से न्याय मिलेगा, जिन्हें ‘फर्जी मामलों में फंसाया गया है’.
आचार संहिता उल्लंघन का आरोप
बता दें की यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान कर्नलगंज थाने के दरोगा आनंद कुमार ने 2 जनवरी 2017 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी. जिसमें सपा विधायक इरफान सोलंकी, बंटी सेंगर और रोहित वर्मा उर्फ मोंटी के नाम दिए गए थे. दर्ज शिकायत में यह कहा गया था कि चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए वोटरों को लुभाने के लिए ईदगाह कालोनी के ब्लाक नंबर 26 पर हैंडपंप की बोरिंग कराई गई. इसके अलावा वहां एक पोस्टर भी लगाया गया, जिसमें लिखा था कि यह काम विधायक इरफान सोलंकी के द्वारा कराया जा रहा है. इस मामले की सुनवाई एमपी एमएलए कोर्ट में चल रही थी.