Sambhal Violence: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में पिछले रविवार को मुगल कालीन जामा मस्जिद में अदालत के आदेश पर सर्वे के दौरान हिंसा भड़क उठी, जिससे शहर में अफरातफरी मच गई. इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई और एसडीएम समेत कम से कम 25 लोग घायल हो गए. पथराव और आगजनी में सार्वजनिक संपत्ति को भी भारी नुकसान पहुंचा. इस गंभीर घटना के बाद पुलिस ने सात मुकदमे दर्ज किए हैं और हिंसा के मास्टरमाइंड की पहचान करने के लिए जांच शुरू कर दी है.
मोबाइल डाटा और सोशल मीडिया पोस्ट से हो रही जांच
पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल कॉल रिकॉर्ड और सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए 100 से ज्यादा पत्थरबाजों की पहचान की है. इनमें से 27 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें कुछ नाबालिग भी शामिल हैं. इसके अलावा, पुलिस ने तीन महिलाओं को भी गिरफ्तार किया है, जो हिंसा फैलाने और पुलिस बल पर पथराव करने में शामिल थीं.
पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि हिंसा के दौरान जामा मस्जिद के आसपास की भीड़ को किसने इकट्ठा किया और उसे किसने उकसाया. पुलिस ने इस मामले में शाही जामा मस्जिद के आसपास के इलाके में लगे मोबाइल डाटा को इकट्ठा किया है ताकि यह पता किया जा सके कि हिंसा के दौरान कितने मोबाइल नंबर एक्टिव थे. इसके साथ ही पुलिस ने दंगाइयों द्वारा तोड़े गए सीसीटीवी कैमरों के DVR को जब्त कर उनकी फुटेज रिकवर की है, ताकि दंगाइयों की पहचान की जा सके.
इन जांचों में मदद के लिए पुलिस ने फोरेंसिक लैब में 27 मोबाइल फोन भेजे हैं, ताकि डिलीट किए गए डाटा को रिकवर किया जा सके और यह पता लगाया जा सके कि क्या हिंसा की योजना पहले से बनाई गई थी. सोशल मीडिया हैंडल्स को भी ट्रैक किया जा रहा है, जिनसे हिंसा को उकसाने वाली पोस्ट की पहचान की जा रही है.
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सरकारी संपत्ति की वसूली के लिए उठाए गए सख्त कदम
राज्य सरकार ने हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है. सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की भरपाई उपद्रवियों से की जाएगी और उनकी पहचान के लिए जगह-जगह उनके पोस्टर लगाए जाएंगे. इसके अलावा, गिरफ्तारी के लिए सूचना देने वालों को इनाम देने की घोषणा भी की गई है. संभल में स्थिति को काबू में रखने के लिए प्रशासन ने 30 नवंबर तक बाहरी लोगों की एंट्री पर रोक लगा दी है. प्रशासन ने शहर में वाहन चेकिंग भी शुरू कर दी है ताकि किसी बाहरी व्यक्ति को हिंसा फैलाने का मौका न मिले.