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Hathras: सत्संग स्थल बन गया श्मशान, घटना के बाद से बाबा फरार… NDRF ने संभाला मोर्चा

सत्संग स्थल बन गया श्मशान

Hathras Satsang Incident: उत्तर प्रदेश के हाथरस में मंगलवार को बड़ा हादसा हो गया. यहां एक सत्संग में भगदड़ मचने से 120 से अधिक लोगों की मौत हो गई है. घटना के बाद सत्संग स्थल श्मशान घाट बन गया है. चारों ओर लाश देखकर लोग सहमे हुए हैं. इस सत्संग का आयोजन नारायण साकार हरि उर्फ ‘भोले बाबा’ के संगठन की ओर से किया गया था.

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, सत्संग खत्म होने के बाद जैसे ही बाबा अपनी कार में बैठकर रवाना हुए, अनुयायियों की भीड़ अंतिम दर्शन व चरण छूने के लिए उनके पीछे दौड़ पड़ी. जहां-जहां बाबा के चरण पड़े, वहां की मिट्टी उठाने के लिए उनके अनुयायियों में होड़ मच गई. बताया जा रहा है कि इसी दौरान भीड़ अनियंत्रित हो गई और 120 से अधिक लोग दब कर मर गए. हालांकि घटना की जांच के आदेश दे दिए गए हैं और उसके बाद ही असली वजह पता चल सकेगी. उधर, राष्ट्रीय आपदा अनुक्रिया बल (NDRF) ने मोर्चा संभाल लिया है.

भोले बाबा घटना के बाद से फरार

घटना के बाद से भोले बाबा फरार चल रहे हैं. पुलिस ने मैनपुरी स्थित उनके आश्रम राम कुटिर चैरिटेबल ट्रस्ट में तलाशी अभियान चलाया, लेकिन बाबा वहां ​नहीं मिले. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस उनकी तलाश कर रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना पर दुख व्यक्त किया है. साथ ही उन्होंने मृतक के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है. वहीं, घायलों को 50 हजार रुपये दिए जाएंगे.

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पुलिस-प्रशासन ने क्या व्यवस्था की थी?

हाथरस जिले के सिकंदराराऊ कस्बे के फुलरई गांव में यह हादसा हुआ है. सत्संग में पचास हजार से अधिक लोग जुटे थे. अब सवाल उठ रहे हैं कि जब इतनी बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हो रहे थे तो पुलिस-प्रशासन ने क्या व्यवस्था की? जिन आयोजकों ने इतना विशाल कार्यक्रम आयोजन किया क्या उन्होंने नियमानुसार अनुमति ली?

दर्ज हुई FIR

पुलिस ने घटना की जांच तेज कर दी है. मुख्य सेवादार कहे जाने वाले देवप्रकाश मधुकर और सत्संग के अन्य आयोजकों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 105, 110, 126(2), 223 और 238 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.

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