Hathras Stampede: हाथरस हादसे के मुख्य आरोपी और आयोजनकर्ता देव प्रकाश मधुकर ने सरेंडर कर दिया है. इस बात की जानकारी वकील एपी सिंह ने दी थी. वहीं सरेंडर करने के बाद पुलिस ने देव प्रकाश मधुकर को गिरफ्तार कर लिया है. देव प्रकाश मधुकर पर एक लाख रुपये का इनाम भी था. वहीं यूपी पुलिस और तमाम जांच एजेंसियां प्रवचनकर्ता सूरजपाल उर्फ नारायण साकार हरि उर्फ ‘भोले बाबा’ की भी तलाश कर रही हैं.
बता दें कि हाथरस जिले के फुलरई गांव में दो जुलाई को नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग में मची भगदड़ में कुल 121 लोगों की मौत हो गई थी, जिसमें अधिकतर महिलाएं थीं. वहीं इस मामले में दर्ज हुई एफआईआर में नामजद आरोपी के तौर पर सिर्फ मुख्य सेवादार मधुकर का नाम है और सूरजपाल का नाम दर्ज नहीं किया गया है.
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इससे पहले छह पुलिस ने छह लोगों को किया था गिरफ्तार
इससे पहले पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए आयोजन समिति के छह सदस्यों को गिरफ्तार किया था. जिसमें चार पुरुष और दो महिलाएं शामिल थीं. पुलिस ने जिन लोगों को गिरफ्तार किया था उनकी पहचान राम लड़ैते, उपेंद्र सिंह, मेघ सिंह, मुकेश कुमार, मंजू यादव और मंजू देवी के रूप में हुई. बता दें कि, देव प्रकाश मधुकर ही हाथरस कार्यक्रम का मुख्य आयोजक था. इसके साथ ही वह बाबा का खास आदमी भी है.
हादसे के बाद बाबा ने उसी से फोन पर काफी देर तक बात की थी. न्यूज एजेंसी के मुताबिक, भगदड़ की घटना के बाद से देवप्रकाश मधुकर घर नहीं लौटा था. उसके परिवार के सदस्य भी लापता हैं. मधुकर के बारे में कहा जाता है कि वह एक समय जूनियर इंजीनियर (JE) था. लेकिन बाद में बाबा सूरजपाल का बड़ा भक्त बन गया.
मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख का मुआवजा
हाथरस हादसे के बाद यूपी की योगी सरकार ने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख और घायलों को 50-50 हजार रुपये देने का ऐलान किया है. इसके साथ ही सरकार की ओर से एक समिति गठित की गई है, जिसे इस पूरे मामले की जांच का जिम्मा सौंपा गया है. वहीं हाथरस हादसे में एसआईटी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जांच रिपोर्ट सौंपी दी है, जिसमें 100 लोगों के बयान दर्ज किए गए हैं. इसके साथ ही एडीजी आगरा और अलीगढ़ कमिश्नर की अगुवाई में मामले की जांच चल रही है.इस हादसे के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद घटनास्थल का दौरा किया था और अस्पताल में जाकर घायलों से भी मुलाकात की थी.