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Uttar Pradesh: संभल के शाही मस्जिद के मंदिर होने का दावा, कोर्ट के आदेश पर 2 घंटे तक हुआ सर्वे

Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश के संभल की शाही जामा मस्जिद का मामला अब कोर्ट में पहुंच गया है. कैलादेवी मंदिर के महंत ऋषि राज गिरि महाराज ने मंगलवार की दोपहर डेढ़ बजे सिविल कोर्ट में याचिका लगाई. महंत की इस याचिका पर सिविल कोर्ट के जज सीनियर डिवीजन आदित्य सिंह की अदालत में सुनवाई चली. यह सुनवाई लगभग ढाई घंटे चली. जिसके बाद जज ने मस्जिद के अंदर सर्वे का आर्डर दे दिया. जज ने कहा- मस्जिद का सर्वे होगा, वीडियो और फोटोग्राफी कराकर रिपोर्ट 7 दिन में दाखिल करें.

दो घंटे चला सर्वे

कोर्ट के आदेश के बाद शाम 6 बजे के लगभग मस्जिद का सर्वे करने के लिए पुलिस टीम जामा मस्जिद पहुंच गई. इस दौरान डीएम राजेंद्र पैंसिया और एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई भी मौजूद रहे. 2 घंटे के सर्वे के बाद टीम रात करीब पौने 8 बजे मस्जिद से बाहर आई.

कोर्ट ने 7 दिनों में मांगी रिपोर्ट

इस मामले में हिंदू पक्ष के याचिकाकर्ता अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया कि सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत ने जामा मस्जिद (शाही मस्जिद) के सर्वे के लिए ‘एडवोकेट कमीशन’ गठित करने के निर्देश दिए गए हैं. अदालत ने कहा है कि कमीशन के माध्यम से वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी से सर्वे कराकर अदालत में 7 दिनों में रिपोर्ट दाखिल की जाए.

हिन्दू मंदिर होने के बहुत सारे संकेत- हिंदू पक्ष के अधिवक्ता

विष्णु शंकर जैन ने कहा, ‘संभल में हरिहर मंदिर हमारी आस्था का केंद्र है. हमारी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यहां पर दशावतार में से कल्कि अवतार यहां से होना है. वर्ष 1529 में बाबर ने मंदिर को तोड़ कर मस्जिद में बदलने की कोशिश की थी. यह भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा संरक्षित क्षेत्र है. उसमें किसी भी तरह का अतिक्रमण नहीं हो सकता. वहां पर बहुत सारे निशान और संकेत हैं जो हिन्दू मंदिर के हैं. इन सारी बातों को ध्यान रखते हुए अदालत ने यह आदेश जारी किया है.’

मुस्लिम पक्ष का दवा नहीं मिले साक्ष्य

इधर मुस्लिम पक्ष के वकील और शाही जामा मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष जफर अली ने बताया, मस्जिद में सर्वे करने आई टीम ने जामा मस्जिद के हर हिस्से का सर्वे किया है. इस दौरान वह भी टीम के साथ मौजूद थे. उनका कहना है कि सर्वे के दौरान उनलोगों ने टीम के का पूरा सहयोग किया. हमें नोटिस तामील कराया गया था.

जफर अली ने आगे बताया- सर्वे में अभी तक कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं. अब यही माना जाएगा कि यह जामा मस्जिद ही है. दो घंटे सर्वे चला है. कोर्ट ने सात दिन के भीतर सर्वे रिपोर्ट का आदेश दिया था. लेकिन, एडवोकेट कमिश्ननर ने अपनी मजबूरी बताई कि उनकी बेटी की शादी है. इसलिए वो नहीं आ सकेंगे। कोर्ट में वादी, कमिश्नर, एसडीएम, एसपी और हम कमेटी के चार-पांच लोग थे.’

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रमेश सिंह राघव बने एडवोकेट कमिश्नर

कोर्ट ने रमेश सिंह राघव को एडवोकेट कमिश्नर बनाया है. वहीं, प्रशासन की तरफ से पांच सदस्यीय कमेटी भी बनाई गई. यह टीम सर्वे टीम के साथ थी. सर्वे टीम ने मस्जिद के अंदर फोटो और वीडियो बनाए हैं.

याचिकाकर्ता को नहीं मिली एंट्री

मस्जिद में सर्वे के दौरान हरिशंकर जैन के पुत्र और सुप्रीम कोर्ट के वकील विष्णु शंकर भी मस्जिद के अंदर मौजूद रहे. याचिकाकर्ता महंत ऋषि राज गिरि को मस्जिद में एंट्री नहीं दी गई. वे सर्वे होने तक बाहर ही खड़े रहे. सर्वे के दौरान पूरे शहर को हाई अलर्ट पर रखा गया था.

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