Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव को लेकर आज मंगलवार, (7 मई) को तीसरे चरण का मतदान जारी है. देश के अलग- अलग राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों सहित उत्तर प्रदेश के 10 लोकसभा सीटों पर आज वोट डाले जा रहे हैं. इस बीच सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने अयोध्या स्थित राम मंदिर को लेकर एक विवादित बयान दिया है. उनके इस बयान को लेकर बीजेपी ने अब मोर्चा खोल दिया है. दरअसल, सपा नेता रामगोपाल ने कहा कि मंदिर तो बेकार है, ऐसे मंदिंर नहीं बनाए जाते हैं. उनके इस बयान से सियासत गर्म हो गई है.
रामगोपाल यादव ने अपने बयान में कहा, ‘वो मंदिर तो बेकार का है, मंदिर ऐसे बनाए जाते हैं? मंदिर ऐसे नहीं बनते हैं, पुराने मंदिर देख लीजिए दक्षिण से से लेकर उत्तर तक देख लीजिए.. नक्शा ठीक नहीं बना है उसका. वास्तु के लिहाज से ठीक नहीं बनाया गया है.’ भाजपा ने उनके इस बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है.
बहू अपर्णा यादव ने किया पलटवार
अब बीजेपी नेता और रामगोपाल यादव के बयान पर बहू अपर्णा यादव ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. रामगोपाल यादव समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव हैं तो वहीं अपर्णा यादव बीजेपी नेता हैं. अपर्णा यादव ने रामगोपाल यादव के बयान पर पलटवार करते हुए कहा, ‘’क्या उन्हें वास्तु की जानकारी है. ऐसी अभद्र टिप्पणी ठीक नहीं है. जहां राम होते हैं, वहां दोष नहीं होता है.’’ अपर्णा यादव ने कहा कि मैनपुरी-बदायूं में कमल खिलेगा. अपर्णा ने कहा कि हमारे भारत के आदर्श राम हैं, संस्कार राम हैं.
“मैनपूरी और बदायूं में कमल खिलेगा”
अपर्णा यादव ने आगे कहा कि मैनपूरी और बदायूं सीट पर कमल खिलेगा. बता दें कि मैनपुरी सपा का गढ़ रहा है. इस समय भी मैनपुरी सीट पर सपा नेता डिंपल यादव सांसद हैं और इस बार भी सपा ने डिंपल यादव को टिकट दिया है. तो वहीं बीजेपी ने मैनपुरी सीट पर जयवीर सिंह पर दांव खेला है. बीजेपी बदायूं सीट पर दुर्विजय सिंह शाक्य को मैदान में उतारा है तो सपा ने इस सीट पर आदित्य यादव को टिकट दिया है.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने साधा निशाना
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि रामगोपाल यादव का बयान हिंदू विरोधी है और उन्होंने रामभक्त हिंदू समाज का अपमान किया है. सीएम ने कहा कि रामगोपाल के बयान से समाजवादी पार्टी की मंशा सामने आ गई है. वहीं बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा, ‘कब्रिस्तान बनवाना अच्छा था, मंदिर बेकार है. इनके लिए वो उत्तर प्रदेश अच्छा था जो मुख्तार अंसारी, अबू सलेम, अतीक अहमद और छोटा शकील के लिए जाना जाता था और आज वो यूपी इनके जमाने में अपराध को सैद्धांतिक स्वीकार्यता मिल गई थी.