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“हिस्सेदारी नहीं भी मिलेगी तो भी हम…”, Swami Prasad Maurya ने ‘इंडी गठबंधन’ को समर्थन देने का किया ऐलान

स्वामी प्रसाद मौर्य

स्वामी प्रसाद मौर्य ( फोटो-सोशल मीडिया)

राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने ‘इंडी गठबंधन’ को समर्थन देने का ऐलान किया है. स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा है कि आने वाले लोकसभा चुनाव में बिना किसी शर्त के हम देश, लोकतंत्र और संविधान को बचाने के लिए ‘इंडी गठबंधन’ को समर्थन देंगे. उन्होंने कहा कि अगर ‘इंडी गठबंधन’ हमें हिस्सेदारी देती है तो भी हम उनको समर्थन देंगे अगर हिस्सेदारी नहीं भी मिलेगी तो भी हम उनको समर्थन देंगे. आने वाले समय के लिए इंडिया गठबंधन देश की मांग है.

स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा, “देश में बढ़ी हुई महंगाई से निजात दिलाने, नौजवानों को रोजगार, व्यापारियों को शोसन से मुक्ति और किसानों को न्याय दिलाने के लिए देश को आज ‘इंडी’ गठबंधन की जरुरत महसूस हो रही है. ऐसे में हमारी राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी इंडिया गठबंधन को बिना शर्त सपोर्ट करेगी.”

‘INDI’ गठबंधन देश की आवश्यकता- स्वामी प्रसाद

स्वामी प्रसाद ने कहा कि जिस दिन हमने पार्टी और झंडा लॉन्च किया था, उसी दिन कहा था कि ‘इंडी गठबंधन’ देश की आवश्यकता है क्योंकि लोग इस भाजपा सरकार में परेशान है. लोकतंत्र खतरे में है और यही सब देखते हुए हम बिना किसी शर्त के ‘इंडी गठबंधन’ को सपोर्ट करेंगे. राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के नेतृत्व में देश के संतो और महापुरुषों की विचारधारा से काम करने का जो संकल्प लिया गया है, उसी के तहत पार्टी का विस्तार किया गया. उन्होंने बताया कि यूपी में प्रदेश अध्यक्ष के रूप में सुभाष चंद्र लहरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है. बता दें कि सुभाष चंद्र लहरी दलित समाज से हैं और बीएसपी में कई पदों पर काम कर चुके हैं.

‘अखिलेश यादव से नहीं है कोई मतभेद’

स्वामी प्रसाद ने आगे कहा कि समाजवादी पार्टी को जिन 6 विधायकों पर घमंड था वह सभी बीजेपी में चले गए. मैने पहले ही कहा था कि कुछ लोग सपा में रहकर बीजेपी के लिए काम कर रहे हैं, यह राज्यसभा के चुनाव में साफ हो गया था. स्वामी ने कहा कि मेरा सपा प्रमुख अखिलेश यादव से कोई व्यक्तिगत मतभेद नहीं है. मेरा जिनसे विरोध था जिनसे नाराजगी थी, उस सम्बंध में मैंने सपा मुखिया को अवगत भी कराया था. अब हमने अपनी पार्टी का गठन कर लिया है. हालांकि, अब अखिलेश यादव से मेरी कोई नाराजगी नहीं है.

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