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Mukhtar Ansari : 6 एके-47, 400 राउंड फायरिंग, कृष्णानंद राय की ऐसे हुई थी हत्या, मुख्तार को भी सता रहा था मौत का खौफ

Mukhtar Ansari Death

कृष्णानंद राय और मुख्तार अंसारी

Mukhtar Ansari Death: कभी उत्तर प्रदेश का माफिया रहे मुख्तार अंसारी की गुरुवार को हार्ट अटैक से मौत हो गई. बांदा जेल में उसकी तबीयत अचानक बिगड़ गई थी, जिसके बाद उसे मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. मुख्तार अंसारी की मौत के बाद प्रदेश भर में पुलिस अलर्ट मोड में आ गई है. खासकर, मऊ और गाजीपुर में धारा 144 लागू कर दी गई है. माफिया मुख्तार अंसारी के खिलाफ 65 केस दर्ज थे, जिनमें कई मामले हत्या, हत्या के प्रयास, अपहरण, गुंडा एक्ट, गैंगस्टर एक्ट, आर्म्स एक्ट से लेकर एनएसए तक के शामिल थे. मुख्तार काफी समय से जेल में बंद था.

माफिया को भी सता रहा था मौत का खौफ

कभी मुख्तार के नाम से अच्छे अच्छों की हालत खराब हो जाया करती थी, उस मुख्तार को भी डर लगता था. वो पिछले कुछ दिनों से डरा हुआ, सहमा हुआ रहता था और आए दिन कहता था कि उसको मारने की कोशिश हो सकती थी. हालांकि उसकी मौत हार्ट अटैक से हुई लेकिन दूसरों को डराकर, धमकाकर और दशहत का माहौल पैदा कर माफिया बने माफिया को भी मौत का खौफ सता रहा था. मुख्तार अंसारी पर बीजेपी के विधायक रहे कृष्णानंद राय की हत्या का भी आरोप था.

बसनियां चट्टी पास हुआ हमला

2005 में बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय को उनके 6 साथियों सहि‍त सरेआम गोलीमार हत्या कर दी गई. हमलावरों ने 6 एके-47 राइफलों से 400 से ज्यादा गोलियां चलाई थी. गाजीपुर की मोहम्मदाबाद विधानसभा से तत्कालीन बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय करीमुद्दीनपुर इलाके के सोनाड़ी गांव में एक क्रिकेट मैच के उद्धाटन में पहुंचे थे. उस वक्त उन्होंने अपनी बुलेट प्रुफ़ कार छोड़ दी थी और सामान्य गाड़ी से ही चल पड़े थे. लेकिन यहां से अपने गांव लौटने के दौरान ही रास्ते में बसनियां चट्टी के पास उनके काफिले को कुछ लोगों ने घेर लिया और एके-47 से फायर झोंक दिया.

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कृष्णानंद समेत छह लोगों की हुई मौके पर मौत

गाड़ी बुलेट प्रूफ़ नहीं थी और इस वजह से कृष्णानंद राय समेत छह और लोगों की मौत मौके पर ही हो गई. इस हत्याकांड से पूरा पूर्वांचल थर्रा गया था. हमलावरों के इरादे कैसे थे, ये इसी से पता चलता है कि मारे गए सातों लोगों के शरीर से 67 गोलियां बरामद की गई थी. हालांकि, गवाहों के मुकरने और सबूतों के अभाव में सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने कृष्णानंद राय हत्याकांड से जुड़े सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया था.

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